यौगिक विज्ञान में बाताया गया है कि अगर आप सही ढंग से जागें तो आपसा जीवन स्वस्थ और आनंदपूर्ण रहेगा. सदगुरु के इन टिप्स का अगर आप पालन करते हैं तो खुद को जीवन में काफी बदलाव कर सकते हैं.


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सदगुरु कहते हैं कि दुनिया में डेढ़ लाख से ज्यादा लोग अपने स्वाभाविक मौत की वजह से शरीर को छोड़ देते है. अगर अजमाना है तो सुबह उठने पर जरा देखें, क्या आप वास्तव में जाग गये हैं, या फिर मर गए हैं! अगर आप जाग गए है तो इस बात की खुशी माना जरूरी है. अगर आप जागे हुए हैं तो इस बात की खुशी मनाना ज़रूरी है. साथ ही कहा कि जो मर गये हैं, वे भी मेरी और आपकी तरह ही थे. पर, अब, आप उन्हें कहीं भी ढूंढें, वे नहीं हैं. "यहां, मैं अभी ज़िंदा हूँ"! तो, अपने लिये मुस्कुराइये! तो, अगर डेढ़ लाख लोग मर गये हैं तो कम से कम कई लाख लोगों ने अपने किसी प्रिय को खोया है. उन्होंने कहा कि मैं आपको बता रहा हूं कि ये आपकी आध्यात्मिक प्रक्रिया की तरफ पहला कदम है.


सदगुरु ने बताया कि दिन का संदर्भ और जीवन का भविष्य आप खुद से तय करते हैं. अगर आप रात को सुबह जागने के लिए अलार्म लगाते है तो सुबह अलार्म की आवाजा से अचानक जाग जाते हैं तो यह आपके लिए अच्छ बात है. साथ की कहा कि आप जिस तरह का खाना खाते हैं, अपने अंदर जिस तरह के विचार और जैसी भावनायें रखते हैं और अपने शरीर को जिस ढंग से गतिशील बनाये रखते हैं. यह सभी बातें तय करती हैं कि आपको नींद की कितनी जरूरत है.


सदगुरु ने कहा कि आपका हृदय आपके खून के लिये पम्पिंग स्टेशन है, जो पूरे शरीर के अंदर तक जीवन पहुंचाने का काम करता है. अगर हृदय की हम बात करें तो यह मनूष्य के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है. अगर हृदय ना हो तो कुछ भी नहीं होगा. ये बांयी तरफ से शुरू होता है, भारतीय संस्कृति में हमेशा ही बताया गया है कि जागने पर दाहिनी करवट लेकर उठना चाहिये और ऐसा भी कहा गया है कि अगर आप सुबह के समय राइट साइड उठते हैं तो यह आपके लिए खराब चीज़ें होंगीं. इसी के साथ बता दें कि जब आप दोनों हथेलियों को रगड़ते हैं तो आपके शरीर की सारी प्रणाली जाग जाती है. अगर आपको नींद आ रही हो और आप ऐसा करें तो सारा शरीर जाग जायेगा और तुरंत ही आंखों से जुड़ी हुईं सारी नसें और साथ ही, आपकी सारी इन्द्रियाँ जागृत हो जायेंगी.


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