Bihar News: भाषाओं की दीवार तोड़ने और आपसी सौहार्द बढ़ाने के लिए पटना आईआईटी में इस वर्ष से जापानी भाषा की पढ़ाई होगी. पटना आईआईटी के स्थापना दिवस पर इंडो जापान सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस के तहत जापान के जेट्रो के चीफ डायरेक्टर जनरल और पटना आईआईटी के बीच एक करार हुआ है. दोनों देशों के बीच तकनीकी शिक्षा और इसके विकास के लिए यह एक सकारात्मक पहल बताई जा रही है. इससे पहले भाषा में आनेवाली दिक्कतों के कारण स्टूडेंट्स के बीच जापान में काम करने की रुचि कम दिखाई देती थी.


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आईआईटी के स्थापना दिवस दिवस पर जापान से एक डेलीगेट्स ने अपने अनुभवों को स्टूडेंट्स के बीच साझा किया. जापानी डेलीगेट्स ने आनेवाले दिनों में आईआईटी और बिहार में निवेश करने का भी भरोसा दिया है. इसके लिए बिहार के उद्योग मंत्री से उनकी शनिवार को मुलाकात भी हुई. इससे पहले इंडो जापान सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस के नए भवन का फीता काटकर उद्घाटन किया गया. कार्यक्रम में आईआईटी के छात्र ने एक डेमो दिखाया, जिसमें किसान अब अपने खेतों की ड्रोन के सहारे सिंचाई कर सकेंगे. वहीं जापान से आए मेहमानों ने भागलपुर के प्रसिद्ध सिल्क से बनी चादरों और कपड़ों को देखा. 


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इस सम्बंध में जेट्रो के चीफ डायरेक्टर जनरल ताकाशी सुजुकी ने बताया कि मैंने भाषा की जरूरत पर बात की है. जापान की तत्काल रुचि भारत की इनोवेटिव टेक्नोलॉजी और टैलेंट के रिक्रूटमेंट में है और अगर आइआईटी में हब बनाया जाए तो काफी फायदा होगा. यह हमने कर दिखाया. इससे दोनों देश द्विपक्षीय विनिमय सहूलियत से कर सकेंगे.


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वही, पटना आईआईटी के निदेशक ने कहा कि यह पहली बार हो रहा है कि किसी तकनीकी शिक्षण संस्थान में विदेशी भाषा की पढ़ाई हो रही है. यह दोनों देशों के बीच आपसी समरसता को बनाने में और कारगर सिद्ध होगा. इससे नई तकनीकों का आदान प्रदान भी होगा, जिससे बिहार और देश में नई क्रांति आएगी.


रिपोर्ट: इश्तेयाक खान