Patna: बिहार में विधानमंडल के सदस्यों यानी विधायकों और विधान पार्षदों के मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना की अनुशंसा की राशि की सीमा तीन करोड़ से बढ़ा कर चार करोड़ रुपए प्रतिवर्ष कर दिया गया है. मंगलवार को मंत्रिमंडल की हुई बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 12 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है. उन्होंने कहा कि दरभंगा स्थित दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (डीएमसीएच) को विकसित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 



उत्तर बिहार की भौगोलिक स्थिति तथा मरीजो की संख्या को देखते हुए राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत निमार्णाधीन पटना चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, पटना की तर्ज पर डीएमसीएच के 2500 शय्या के नए चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के रूप में विकसित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है .


इसमें से 400 सर्जिकल ब्लॉक का निर्माण किया जा रहा है. जिसपर पूर्व से 569 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमोदन प्राप्त है. शेष 2100 शय्या का निर्माण इसी योजना अन्तर्गत किया जाना प्रस्तावित है. स्वास्थ्य विभाग ने डीएमसीएच में 2100 शैय्या के नये अस्पताल, नये महाविद्यालय भवन एवं आवासीय परिसर के निर्माण की सैद्धांतिक सहमति एवं उक्त निर्माण के लिए बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड, पटना से प्राप्त तकनीकी अनुमोदित प्रारंभिक परियोजना प्रतिवेदन के आधार पर कुल 2546.41 करोड़ रुपये की योजना की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई.


इसके अलावा सहकारिता विभाग के तहत मुख्यमंत्री हरित कृषि संयंत्र योजना अन्तर्गत पूर्व में प्रावधानित राशि के अवशेष भाग का उपयोग अहर्त्ता पूरी करने वाले प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहकारी समिति में कृषि उपकरण बैंक स्थापित करने की स्वीकृति दी गई. इसके तहत पैक्सों की तरह प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहकारी समिति को 15 लाख रुपये प्रति समिति उपलब्ध कराया जायेगा जिसमें 50 प्रतिशत अनुदान एवं 50 प्रतिशत ऋण के रूप में दिया जायेगा.


(इनपुट आईएएनएस के साथ)