ITR Filling: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए अब सिर्फ एक सप्ताह का समय बचा है. केंद्र सरकार द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, सभी लोगों को 31 जुलाई 2023 से पहले-पहले तक अपना ITR जरूर फाइन कर देना होगा. केंद्र सरकार द्वारा आयकर रिटर्न दाखिल करने की लास्ट डेट को आगे बढ़ाने की संभावना बहुत कम दिखाई दे रही है. अगर आपने तय समयसीमा तक अपना आईटीआर फाइल नहीं किया तो आपको जेल तक जाना पड़ सकता है. इस बीच आईटीआर फाइल करने वालों को लेकर अब आयकर विभाग का बड़ा अपडेट सामने आया है. आयकर विभाग ने बताया कि असेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए अबतक 3 करोड़ से अधिक लोग अपना आईटीआर फाइल कर चुके हैं. 


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आयकर विभाग के मुताबिक, पिछले साल की तुलना में इस साल लोग ज्यादा एक्टिव दिखाई दे रहे हैं. विभाग ने बताया कि पिछले साल 25 जुलाई तक 3 करोड़ लोगों ने आईटीआर भरा था. आयकर विभाग के मुताबिक, 91% अधिक दाखिल आईटीआर ई-वेरिफाई किए जा चुके हैं. विभाग ने बताया कि ई-वेरिफाई किए गए आईटीआर में से 1.5 करोड़ से अधिक आईटीआर पहले ही फाइल किए जा चुके हैं. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्सपेयर्स से जल्द से जल्द अपना आईटीआर फाइल करने की अपील की है. विभाग ने कहा कि अंतिम समय की भीड़ से बचने के लिए आज ही अपना आईटीआर फाइल कर दें. 


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बैंक FD को लेकर क्या है नियम?


जो बैंक में या पोस्ट ऑफिस आदि में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) कराते हैं, क्या उन्हें टैक्स में कोई छूट मिलेगी? इस सवाल को लेकर लोगों में काफी गफलत देखने को मिलती है. बता दें कि अगर आप एफडी में 10 लाख से ज्यादा कैश में जमा कराते हैं तो बैंक उसकी जानकारी टैक्स डिपार्टमेंट को देते हैं. इसमें कोई जरूरी नहीं कि इनकम टैक्स का नोटिस आए, लेकिन खतरा बना रहता है. टैक्स विभाग आपका पिछला आईटीआर चेक करता है और इनकम को मिलान करता है. अगर उसे लगता है कि कैश के 10 लाख रुपये आपके ही हैं तो कोई नोटिस नहीं आता. अगर विभाग को शक हो जाए तो वह नोटिस भेज सकता है. वहीं एफडी में पैसा जमा करने की कोई अधिकतम लिमिट नहीं है. लेकिन 10 लाख से ज्यादा कैश ट्रांजेक्शन का ध्यान रखना होता है. 


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एफडी पर कब कटता है टैक्स?


FD के ब्याज पर टैक्स कटने का खास नियम है. अगर FD पर 40,000 रुपये से ज्यादा ब्याज मिला है तो उस पर टैक्स कटेगा. सीनियम सिटीजन के केस में यह राशि 50,000 रुपये है. अगर ब्याज की राशि इससे ज्यादा है तो पूरे अमाउंट पर टैक्स कट जाएगा. अगर टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं तो इसे बचा सकते हैं. इसके लिए आपको फॉर्म 15 लेना होगा. अगर पैन नंबर दिया है तो 10 परसेंट के हिसाह से टैक्स कटेगा और पैन नहीं दिया तो टैक्स 20 परसेंट की दर से कटेगा.