IRCTC scam: IRCTC घोटाला मामले में 22 जुलाई को होगी सुनवाई, फिलहाल लालू परिवार को करना होगा इंतजार
रेल मंत्री रहते लालू यादव के खिलाफ IRCTC Scam मामले में फिलहाल उनके और उनके परिवार के सदस्य राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती, बेटे तेजस्वी यादव को राहत मिलती नजर नहीं आ रही है. आपको बता दें कि इस मामले में अब अदालत 22 जुलाई को अगली सुनवाई करेगा.
IRCTC scam: रेल मंत्री रहते लालू यादव के खिलाफ IRCTC Scam मामले में फिलहाल उनके और उनके परिवार के सदस्य राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती, बेटे तेजस्वी यादव को राहत मिलती नजर नहीं आ रही है. आपको बता दें कि इस मामले में अब अदालत 22 जुलाई को अगली सुनवाई करेगा. ऐसे में लालू परिवार को इस मामले में अभी और इंतजार करना पड़ेगा.
बता दें कि लालू परिवार के सदस्यों के खिलाफ IRCTC Scam मामले में चार्ज फ्रेमिंग के लिए सुनवाई होनी थी जिसे टाल दिया गया है. बता दें कि इस मामले में लालू यादव उनके परिवार के कई सदस्यों के अलावा रेलवे के कई अधिकारी भी अभियुक्त बनाए गए हैं. ये सभी अभियुक्त अभी जमानत पर हैं.
बता दें कि केंद्र में रेल मंत्रालय में रेल मंत्री के तौर पर लालू यादव के कार्यकाल में जब देश में यूपीए की सरकार थी. उस समय रेलवे बोर्ड की तरफ से सभी होटलों के साथ ट्रेन में खान-पान और अन्य सेवा का जिम्मा IRCTC को सौंप दिया गया था. इसके बाद ओडिशा और झारखंड के होटलों के टेंडर में गड़बड़ी का मामला सामने आया. इस मामले की जांच सीबीआई के द्वारा की जा रही है.
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इसी मामले में वकीलों की अन्य कामों में व्यस्तता और अन्य कारणों की वजह से दिल्ली का सीबीआई अदालत ने सुनवाई को टाल दिया है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी ऐसे में इसपर फैसले के लिए अभियुक्तों को अब 22 जुलाई तक का इंतजार करना पड़ेगा. ऐसे में फिलहाल उनको इंतजार करना पड़ेगा.
बता दें कि लालू प्रसाद यादव 2004 से 2009 तक देश के रेल मंत्री रहे. इसी दौरान उनपर IRCTC होटल घोटाले का यह आरोप है जिसमें सुनवाई होनी थी. इस पूरे मामले में सीबीआई का आरोप है कि पूरी और रांची के दो होटल जो एक निजी कंपनी सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड को लीज पर दिया गया था उसके बदले में लालू परिवार को कंपनी की तरफ से पटना के बेली रोड के पास बहुत कीमती जमीन दी गई थी.
बता दें कि इस जमीन को पहले सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड ने डिलाइट कंपनी को दिया और फिर वह राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के मालिकाना हक वाली कंपनी लारा प्रोजेक्ट को बेंच दी गई. जबकि यह डिलाइट कंपनी भी राजद के कद्दावर नेता प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता की कंपनी है. सीबीआई इसी मामले की जांच कर रही है.