ISRO Team Of Chandrayaan-3: विश्व में भारत ने Chandrayaan-3 की सफलता के बाद चौथा स्थान प्राप्त कर लिया है. भारत से पहले चीन, रूस और अमेरिका अपना कदम रख चुके हैं, लेकिन दक्षिणी ध्रुप पर लैंड कर भारत पहला देश बन गया है.  Chandrayaan-3 को सफल बनाने में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की टीम के कई सदस्यों का सहयोग रहा है. चंद्रमा के दक्षिणी स्तर पर भारत ने पहला कदम रखा है. देश भर में लोगों के चेहरे पर खुशी बनी हुई है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष डॉ.एस सोमनाथ ने कहा कि टीम के सभी सदस्यों ने दिन रात एक कर इस मिशन को सफल बनाया है. इसके अलावा कहा कि हम सभी की मेहनत के अलावा देशवासियों ने भगवान से जो प्रार्थना की है उसका भी बहुत सहयोग मिला है. चंद्रयान-3 के सफलतापूर्वक मिशन के लिए मैं सभी देशवासियों को तह दिल से धन्यवाद देता हूं. यह कामयाबी हमने नहीं पूरे देश ने की है. साथ ही कहा कि चंद्रयान-3 के व्हीकल मार्क का डिजाइन किया गया था. इस व्हीकल को बाहुबली रॉकेट ने ही चंद्रमा की सतह तक चंद्रयान को पहुंचाया. 


यूआरएससी  के निदेशक एम शंकरन ने कहा कि चंद्रयान-2 के बाद इस मिशन को पूरा करने में करीब चार साल लग गए. इस मिशन को सफल बनाने के लिए करीब चार साल से काम चल रहा है. इसरो की टीम ने जो काम कर दिखाया है उसको सराहना पूरा देश कर रहा है. साथ ही उन्होंने अपने शब्दों में कहा कि मुझे गर्व है कि मैं इसरो का हिस्सा हूं. इसके अलावा कहा कि भविष्य में हम मार्स और वीनस पर जाने का प्रयास भी करेंगे. 


मून मिशन की डिप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ कल्पना के. ने कहा कि चंद्रयान-3 के सफल मिशन ने देश की नारी शक्ति रूप में पहचान दिलाई है. जब देश कोरोना से जूझ रहा था तब भी उन्होंने मून मिशन का सपना नहीं छोड़ा था. उन्होंने कहा कि पीछले चार साल से इस मिशन को सफल बनाने के लिए काम कर रही हैं.  चंद्रयान-3 के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी वीरमुथुवेल ने कहा कि मैंने 2019 में चंद्रयान -3 के परियोजना निदेशक के रूप में कार्यभार संभाला था. इस मिशन से पहले वो इसरो के मुख्य कार्यालय में स्पेस इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोग्राम कार्यालय में उप निदेशक का पद संभाल रही थी.


विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के निदेशक एयरोस्पेस इंजीनियर डॉ उन्नीकृष्णन ने कहा कि उनका काम रॉकेट के विकास और निर्माण करना है. साथ ही वो विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के निदेशक हैं. एस उन्नीकृष्णन नायर ने कहा कि मिशन चंद्रयान-3 को हमारी टीम ने सफल बनाने का काम किया है.


ये भी पढ़िए- Disadvantages of Cashew: भगवान ने दी है 2 किडनी, इसका मतलब ये नहीं कि जरूरत से ज्यादा खाएं ये चीज, हो सकता है भारी नुकसान