Patna High Court Judge: पटना हाई कोर्ट के न्यायाधीश रुद्र प्रकाश मिश्रा को पिछले 10 महीनों से वेतन नहीं मिला है, जिसके चलते उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. इस मामले में सोमवार 30 सितंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए बिहार सरकार को आदेश दिया कि वह न्यायमूर्ति रुद्र प्रकाश मिश्रा के लिए एक अस्थायी सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) खाता खोले और उनकी लंबित तनख्वाह जल्द से जल्द जारी करे.


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सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने इस मामले पर नाराजगी जताते हुए कहा कि किसी भी न्यायाधीश से बिना वेतन काम करने की उम्मीद नहीं की जा सकती. बता दें कि न्यायमूर्ति मिश्रा को 4 नवंबर 2023 को जिला न्यायपालिका से पटना उच्च न्यायालय में पदोन्नत किया गया था. तब से लेकर आज तक उन्हें वेतन नहीं मिल रहा था. इसका कारण यह था कि उनके पास जीपीएफ खाता नहीं था, जो हाई कोर्ट के न्यायाधीशों के लिए वेतन प्राप्त करने की एक जरूरी शर्त है.


इस मामले पर पीठ ने सवाल उठाया कि उन्हें वेतन क्यों नहीं मिल रहा है? यह स्थिति क्या है? न्यायमूर्ति मिश्रा को वेतन नहीं मिलने का कारण यह था कि अधीनस्थ अदालतों के न्यायाधीश नई पेंशन योजना (एनपीएस) के अंतर्गत आते हैं और इसलिए उनके पास जीपीएफ खाता नहीं होता, लेकिन उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एनपीएस के दायरे में नहीं आते हैं. जिसके कारण उन्हें अपना वेतन प्राप्त करने में समस्या हो रही थी. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह न्यायमूर्ति मिश्रा की तनख्वाह जारी करने के लिए अंतरिम आदेश पारित करेगी.


सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को निर्देश दिया कि वह न्यायमूर्ति मिश्रा के लिए एक अस्थायी जीपीएफ खाता खोले, जिससे उनकी तनख्वाह जारी की जा सके. बिहार सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए शुक्रवार तक का समय मांगा और पीठ को आश्वासन दिया कि तब तक यह समस्या हल कर दी जाएगी.


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