Karwa Chauth 2024 Mehndi: हिंदू धर्म में करवा चौथ का त्योहार बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन के लिए व्रत रखती हैं. खासतौर पर जिन महिलाओं की हाल ही में शादी हुई होती है, उनके लिए पहला करवा चौथ विशेष महत्व रखता है. करवा चौथ के दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं, जिसमें नए कपड़े पहनना और खुद को सुंदर तरीके से सजाना शामिल होता है. इस दिन हाथों में मेहंदी लगाना सोलह श्रृंगारों का एक अहम हिस्सा है. आचार्य मदन मोहन के अनुसार आइए जानते हैं कि ज्योतिष शास्त्र में करवा चौथ की मेहंदी का क्या महत्व है.


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मेहंदी: प्रेम और समर्पण का प्रतीक
आचार्य मदन मोहन के अनुसार भारतीय संस्कृति में मेहंदी का विशेष स्थान है, जिसे सदियों से शुभ अवसरों पर लगाया जाता है. चाहे विवाह हो, त्योहार हो या कोई धार्मिक आयोजन, हाथों और पैरों पर मेहंदी लगाने की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है. करवा चौथ के मौके पर मेहंदी का खास महत्व होता है. इसे पत्नी के अपने पति के प्रति प्रेम और समर्पण का प्रतीक माना जाता है. मेहंदी न केवल हाथों की सुंदरता बढ़ाती है, बल्कि यह पति-पत्नी के बीच प्रेम और आपसी विश्वास को भी मजबूत करने का संकेत देती है.


मेहंदी से आती है सकारात्मकता
वास्तु शास्त्र के अनुसार मेहंदी को जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने वाली मानी जाती है. यह नकारात्मकता को दूर करती है और सौभाग्य लाती है. मेहंदी की तासीर ठंडी होती है, इसलिए इसे करवा चौथ के व्रत के दौरान लगाना फायदेमंद माना जाता है. व्रत रखने वाली महिलाओं को इससे मानसिक शांति मिलती है और शरीर को ठंडक मिलती है, जो उपवास के दौरान उन्हें आराम देती है.


इस प्रकार, करवा चौथ पर मेहंदी लगाना न केवल एक परंपरा है, बल्कि यह महिलाओं के प्रेम, समर्पण और मानसिक शांति का प्रतीक भी है.


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