Bihar News: कभी बिहार में लालू यादव की राजनीति बिना साले साधु यादव के बिना चलती नहीं थी. एक समय था कि बिहार की राजनीति में लालू यादव के बाद सबसे ज्यादा ताकतवर कोई नेता यदी थे तो वह साधु यादव थे. हालांकि समय के साथ लालू यादव और साधु यादव के रिश्तों में खटास आई और आलम यह हुआ में कि अब साधु यादव की बेटी की शादी में लालू यादव शामिल ही नहीं हुए. मतलब लड़के के फूफा शादी में नाराज हो जाएं यह तो सुना था इस बार लड़की के फूफा नाराज थे.  


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हालांकि नाराजगी इतनी दिखी की लालू यादव तो इस शादी में शामिल नहीं ही हुए लालू  परिवार का कोई और सदस्य भी इस आयोजन में शामिल नहीं हुआ.  लालू यादव साले से इतना नाराज नजर आए कि वह अपने साले की बेटी की शादी में ही नहीं पहुंचे. 


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हालांकि साधु यादव की बेटी की शादी 13 दिसबंर को दिल्ली में एक निजी होटल में हुई जिसमें बिहार से कई राजद के नहीं बल्कि अन्य दलों के वरिष्ठ नेता शामिल हुए. शादी के आयोजन में चिराग पासवान, गिरिराज सिंह और रामकृपाल यादव समेत करीब 17 से ज्यादा सांसद पहुंचे थे. 


साधु यादव का एक समय राजद में जलवा था. बिहार सरकार के फैसलों में साधु यादव का बड़ा हाथ होता था. लालू यादव सरकार हो या राबड़ी देवी सरकार साधु यादव का जलवा हमेशा कायम रहा. वह बिहार में राजद के टिकट पर संसद तक भी पहुंचे. फिर साल 2009 का वक्त आया जब लालू और साधु के रिश्ते खटास से भर चुके थे. पार्टी ने साधु यादव को लोकसभा का टिकट नहीं दिया. फिर साधु यादव ने बगावत की और कांग्रेस का दामन थाम लिया. लेकिन, वह चुनाव हार गए. उसके बाद से दोनों परिवारों के बीच बातचीत खत्म हो गई.