पटना: Last Thursday of 2022: साल 2022 को समाप्त होने में अब केवल 2 दिन और हैं. इसके बाद ये समय चक्र नए साल 2023 का स्वागत करेगा. इसके साथ ही सभी लोगों ने अपने नए साल को लेकर उम्मीदें लगा रखी होंगी कि ये वर्ष शुभ हो और खुशियों से भरा रहे. ऐसे में आज का दिन बेहद खास है. असल में आज गुरुवार का दिन है. गुरुवार भगवान विष्णु की पूजा का दिन है और आज साल का आखिरी गुरुवार है. गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा जरूर करनी चाहिए. केले के पेड़ को हरिहर स्वरूप माना जाता है. यानि कि इसमें शिव और विष्णु जी दोनों का वास माना जाता है. वैसे भी हमारी प्रकृति में पेड़-पौधे खास महत्व रखते हैं. 


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ऐसे करें पूजा
गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा करने से शेषनाग पर विराजमान बृहस्पति देव प्रसन्न होकर हर मनोकामना पूरा करते हैं. कहा जाता है कि मौन रहकर भी इस व्रत को रखा जा सकता है. ऐसे भी इसका काफी अच्छा फल मिलता है. अगर आप बृहस्पितवार का व्रत रखते हैं तब तो ऐसा जरूर ही करना चाहिए. बृहस्पतिवार व्रत का लाभ लेने के लिए भी केले के पेड़ की सही तरीके से पूजा करना बेहद जरूरी है. बता दें इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर पूजा वाले स्थान को साफ कर लें. इसके बाद घर में ही भगवान विष्णु की पूजा करें और फिर केले के पेड़ की पूजा करें.


इस स्थिति में न चढ़ाएं जल
ध्यान रखने वाली बात यह है कि अगर केले का पेड़ घर में ही लगा है तो उसमें जल न चढ़ाएं. अगर कहीं खुले में केले का पेड़ लगा है तो उसकी जड़ों में जल चढ़ाया जा सकता है. इसके साथ ही चने की दाल, गुड़, चावल, पीले फूल और हल्दी की एक गांठ केले के पेड़ पर चढ़ाकर इस वृक्ष की पूजा करें. केले के पेड़ की विधिवत पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है. इसका उन लोगों को खास लाभ मिलता है, जिनकी शादी में रुकावट आ रही हो. केले पेड़ को शुभता और संपन्नता का प्रतीक भी माना जाता है. इसलिए इसकी पूजा करने वाले लोग से धन-धान्य से परिपूर्ण रहते हैं.