Dhanteras 2022: धनतेरस के दिन इन पांच जगहों पर जला आएं दीपक, यही है घर में धन आने का रास्ता
Dhanteras 2022: पौराणिक कथाओं के मुताबिक धनतेरस के दिन यदि आप किसी विशेष स्थान पर दीपक जलाएंगे तो आपकी आर्थिक स्थिति दूर होगी.
पटनाः Dhanteras 2022: सनातन परंपरा में धनतेरस का खास महत्व है. धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी जी की पूजा करने से घर में धन, सुख-समृद्धि आती है. इस दिन धन के देवता कुबेर की पूजा भी की जाती है. कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस मनाई जाती है. इस बार धनतेरस 23 अक्टूबर यानी रविवार को मनाई जा रही है. धनतेरस के दिन ही स्वास्थ्य के देवता भगवान धन्वंतरी का जन्म हुआ था. ऐसे में धनतेरस के दिन विशेष पूजा से धन-संपत्ति के साथ सेहत की भी प्राप्ति होती है.
पौराणिक कथाओं के मुताबिक धनतेरस के दिन यदि आप किसी विशेष स्थान पर दीपक जलाएंगे तो आपकी आर्थिक स्थिति दूर होगी. मान्यता है कि अगर इन जगहों पर दीपक जलाया जाए तो जीवन में धन की कमी नहीं होती. तो आइए जान लेते हैं, धनतेरस के दिन कहां-कहां जलाएं दीप
पीपल: धनतेरस में शाम के समय पीपल वृक्ष के नीचे दीपक जरूर जला दें. मान्यताओं के अनुसार पीपल में मां लक्ष्मी का वास होता है और धनतेरस पर अगर इसके नीचे दीपक जलाया जाए तो जीवन में धन की कमी नहीं होती.
बेला: अगर धन संबंधी दिक्कतें हों या फिर धन की कामना हो, तो धनतेरस की रात में बेल के वृक्ष के नीचे दीपक जरूर जलाएं. ध्यान रखें कि दीपक में घी का ही प्रयोग करें. मान्यता है कि ऐसा करने से धन और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है.
श्मशान घाट: धनतेरस की रात श्मशान घाट पर दीपक जरूर जलाया जाना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न होती हैं और उनकी कृपा से जीवन में धन की वृद्धि होती है.
घर की चौखट: धनतेरस के दिन घर की चौखट पर दीपक जरूर जलाया जाना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी घर में प्रवेश करती हैं. जहां माता लक्ष्मी का वास होता है, वहां धन संपत्ति की कमी नहीं होती है. इसलिए धनतेरस की रात घर की चौखट पर दीपक जलाना हरगिज न भूलें.
पूजा गृह: धनतेरस का त्योहार सुख और समृद्धि का पर्व माना जाता है. इस दिन पूजा कक्ष में दीपक जलाना अति शुभ माना जाता है. इस दिन घर के मंदिर में दीपक जलाने से वास्तु दोष खत्म होता है, साथ ही घर में आर्थिक समृद्धि आती है.
उत्तर-पूर्व दिशा: धनतेरस के दिन घर की उत्तर-पूर्व दिशा में शुद्ध घी का दीपक जलाएं. साथ ही दीए में रुई की बाती की जगह लाल रंग के धागे का प्रयोग करें. दीपक को जमीन पर न रखकर सीधे चावल पर रखें.
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