हाजीपुर: बिहार में जहां शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने की जिम्मेदारी पुलिस पर है, वहीं अब उसी पुलिस विभाग के कुछ कर्मी इस कानून का उल्लंघन करते हुए नजर आए हैं. सोमवार को वैशाली जिले के महुआ थाना क्षेत्र में तैनात एंटी लिकर टास्क फोर्स (एएलटीएफ) के सात पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया. इन आरोपियों के आवासन स्थल से बड़ी मात्रा में देसी और विदेशी शराब बरामद की गई, जिससे यह मामला और भी सनसनीखेज बन गया है.


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जानकारी के लिए बता दें कि यह घटना तब सामने आई, जब वैशाली पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि एएलटीएफ के कुछ पुलिसकर्मी शराबबंदी कानून का उल्लंघन कर रहे हैं. खबर के मुताबिक महुआ थाना क्षेत्र में तैनात एएलटीएफ के सदस्य न केवल शराब का सेवन कर रहे थे, बल्कि शराब का व्यापार भी कर रहे थे. इस सूचना के आधार पर पुलिस अधीक्षक हरकिशोर राय के नेतृत्व में टीम ने एएलटीएफ के आवासन स्थल पर छापेमारी की.


वैशाली पुलिस के अधिकारियों के अनुसार इस छापेमारी में 32.50 लीटर देसी शराब और पातेपुर थाना क्षेत्र से विदेशी शराब की एक बोतल (500 एमएल) बरामद की गई. कुछ पुलिसकर्मी चोरी से शराब अपने पास रख लेते थे, जिसे वे अपने सेवन के लिए रखते थे या फिर बेचकर पैसे कमाते थे. इस कार्रवाई में सात पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें निसार अहमद, मुकेश कुमार, प्रिया रानी, महेश राय, रामप्रवेश सिंह, चालक मंतोष कुमार और रत्नेश कुमार शामिल हैं.


बिहार सरकार ने शराबबंदी कानून को प्रभावी बनाने के लिए कई जिलों में एंटी लिकर टास्क फोर्स का गठन किया है, जिसका उद्देश्य शराब के अवैध कारोबार को खत्म करना और सार्वजनिक जीवन में शराब के दुरुपयोग को रोकना है. लेकिन इस घटना से यह सवाल उठता है कि जब वही लोग जो कानून को लागू करने के लिए तैनात हैं, वही इसके उल्लंघन में लिप्त हों, तो शराबबंदी की सफलता पर क्या असर पड़ेगा. साथ ही पुलिस अब गिरफ्तार किए गए सभी सात पुलिसकर्मियों से पूछताछ कर रही है और मामले की गहन जांच की जा रही है. यह घटना बिहार में शराबबंदी के प्रयासों के लिए एक बड़ा धक्का मानी जा रही है, जिससे अधिकारियों को अपनी कार्यशैली पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है.


इनपुट- आईएएनएस


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