पटनाः Mahadeva Shiva Mantra: सनातन परंपरा और शास्त्रों में महादेव को कल्याण का देवता माना गया है. शिव जी को उनकी दया और करुणा के लिए भी जाना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि शिव जी मात्र बेलपत्र और जल चढ़ाने से ही अपने भक्तों पर प्रसन्न हो जाते हैं. सावन के महीने में उनकी विशेष पूजा की जाती है. शिव और सावन एक-दूसरे के पूरक हैं. भगवान शिव की पूजा के दौरान मंत्रों के जाप का विशेष महत्व होता है. अगर आप महाशिव की कृपा पाना चाहते हैं, तो आपको उनके विशिष्ट मंत्रों का जाप करना चाहिए. इन मंत्रों का जाप करने से शिव जी अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं भी पूरी करते हैं. 


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शिव गायत्री मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि 
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्! 
ये शिव गायत्री मंत्र है, जिसे सर्वशक्तिशाली माना जाता है. इस मंत्र से व्यक्ति को सुख और शांति की प्राप्ति होती है.  


ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः 
इस मंत्र को रुद्र मंत्र कहा जाता है. मान्यता है कि ये मंत्र शिव जी तक आपकी सभी मनोकामनाएं पहुंचाता है.  


महामृत्युंजय मंत्र
ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्.
ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ..


यह महामृत्युंजय मंत्र है. इसका अर्थ भी बहुत विशिष्ट है. इसमें कहा जाता है कि मैं उस त्रिनेत्र को पूजता हूं, जो सुगंधित हैं और मेरा पोषण करते हैं. जैसे फल शाखा के बंधन से मुक्त हो जाता है वैसे ही मैं भी मृत्यु और नश्वरता से मुक्त हो जाऊंगा.  


महादेव शिव जी का मूल मंत्र
 ऊँ नम: शिवाय..


भगवान शिव के अन्य विशेष मंत्र 
ओम साधो जातये नम:..
 ओम वाम देवाय नम:..


ओम अघोराय नम:..
ओम तत्पुरूषाय नम:..


ओम ईशानाय नम:..
ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय..


भगवान शिव पंचानाम मंत्र
1. ॐ नमः शिवाय.
2. नमो नीलकण्ठाय.


3. ॐ पार्वतीपतये नमः.
4. ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय.
5. ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा.


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