पटनाः Mahashivratri Pujan Samagri: भगवान भोलेनाथ की पूजा का खास पर्व महाशिवरात्रि आने ही वाला है. यह आध्यात्मिक पर्व सिर्फ पूजा का विशेष दिन नहीं है, बल्कि यह उल्लास का प्रतीक है. जीवन में जब कोई भी संकट आता है तो महादेव शिव ही उसे दूर करते हैं, वह सिर्फ अंत के देव और विनाशक नहीं हैं, बल्कि वह सृष्टि के रक्षक भी हैं. महाशिवरात्रि इस बार 18 फरवरी 2023 को मनाई जाएगी. यह पर्व फाल्गुन मास की त्रयोदशी-चौदसी के संयुक्त दिन में मनाया जाता है, 18 फरवरी को चतुर्दशी पूरी रात में है, जिसे निशीथ काल मुहूर्त कहते हैं. इस काल में पूजन करने के विशेष लाभ होते हैं. भगवान शिव की पूजा बहुत सरल होती है. जानिए उनकी पूजा में विशेष सामग्री, जो जरूर होनी चाहिए. 


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ये है महाशिवरात्रि की खास पूजन सामग्री
महाशिवरात्रि की तरह इसकी पूजा सामग्री भी विशेष होती है. इस दिन महादेवशिव को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु धूप, दीप, अक्षत, सफेद, चंदन, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, दही, घी, शक्कर, शहद, फल, फूल, बेलपत्र, धतूरा, बेल, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालियां, तुलसी दल, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, गंगा जल, कपूर, मलयागिरी, चंदन, पंच मेवा, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान, शिव व मां पार्वती के श्रृंगार की सामग्री, वस्त्राभूषण, कुशासन आदि से उनकी पूजा करते हैं. यह उनकी पूजा में जरूर होना चाहिए.


ऐसे करें अभिषेक
शिवरात्रि में शिव जी को प्रसन्न करने के लिए सुबह ही जल और दूध से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए. उन्‍हें गंगाजल, घी, शहद, चीनी के मिश्रण से भोलेनाथ को स्नान कराना चाहिए. उसके बाद शिवलिंग पर चंदन लगाकर शिव जी को प्रिय आक के फूल, बेल का फल, बेलपत्र, धतूरा, शमीपत्र की पत्तियां, नैवेद्य बूल (पान के पत्ते पर लौंग, इलायची, सुपारी तथा कुछ मीठा रखकर बूल बनायें), पंचामृत (दूध, दही, घी, शक्कर, शहद मिलाकर) और भांग आादि अर्पित करके उनकी पूजा करनी चाहिए. महादेव शिव आक के फूल, बेल, धतूरा आदि जैसी साधारण वस्‍तुओं से भी प्रसन्‍न हो जाते हैं.