पटना: Manish Kashyap: तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के पिटाई के मामले में बिहार पुलिस लगातार एक्शन में है. पुलिस लगातार  सोशल मीडिया पर शेयर किए गए पोस्ट और वीडियो की जांच की जा रही है. वहीं इस पूरे मामले एक नाम की चर्चा की हर तरफ हो रही है और वो नाम सन ऑफ बिहार के नाम से मशहूर यूट्यूबर मनीष कश्यप का. मनीष कश्यप पर बिहारी मजदूरों पर हमले के फर्जी वीडियो वायरल करने का आरोप है. जिसके बाद अब इस मामले में मनीष कश्यप पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. वहीं मनीष कश्यप के ट्विटर अकाउंट को भी ब्लॉक कर दिया गया है.


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फर्जी वीडियो शेयर करने का आरोप


मनीष कश्यप पर फर्जी वीडियो वायरल करने के आरोप में आईपीसी की कई सारी धाराएं लगाई धारा 67, 153, 153 (ए), 153 (बी), 505 (1)(बी), 505(1)(सी), 468, 471 और धारा 120(बी) गई हैं. हालांकि मनीष कश्यप का इस पूरे मामले में कहना है कि उनसे पहले कई मीडिया हाउस भी बिहारी मजदूरों की ‘पिटाई’ की खबर चला चुके थे. लेकिन पुलिस केवल उनके ऊपर कार्रवाई कर रही है. इसके लिए मनीष कश्यप ने बिहार के उपमुख्यमंत्री और RJD नेता तेजस्वी यादव को जिम्मेदार ठहराया है. वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर उनके समर्थन में कई लोग पोस्ट कर रहे हैं.


मनीष कश्यप आदतन अपराधी


वहीं आर्थिक अपराध इकाई ने इस मामले में विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर 10 सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है. कुल 30 वीडियो और पोस्ट चिह्नित कर उसकी जांच कर रही है. पुलिस ने शुक्रवार को इस मामले में बताया कि मनीष कश्यप (Manish Kashyap) राजपूत अब तक उपस्थित नहीं हुए हैं. कोर्ट से अनुरोध कर उनके विरुद्ध गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किया जाएगा. पुलिस ने बताया कि मनीष कश्यप का पुराना रिकॉर्ड है और वो एक आदतन अपराधी है. इससे पहले उसके उपर सात मामले दर्ज हैं.


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