पटनाः Bihar Matric Exam: बिहार में बोर्ड परीक्षाएं जारी हैं. इस दौरान परीक्षा के कदाचार और नकल की खबरों के बीच कुछ ऐसी भी खबरें आ रही हैं, जो पढ़ाई के बीच 'मुन्ना भाई' बनने वाले छात्रों के लिए सबक तो है हीं, साथ ही जीवन का वो सकारात्मक पाठ पढ़ा रही हैं, जिनके उदाहरण हमेशा दिए जा सकते हैं. अभी हाल ही में प्रेग्नेंसी के तुरंत बाद परीक्षा देने पहुंची छात्रा के चर्चे थे, तो वहीं नवादा जिले से ऐसी खबर सामने आई है, जिससे पलकें तो भीग ही जाएंगी, लेकिन दिल इस बच्ची को सलामी देने का करेगा. वाकया कुछ यूं है कि ऐन परीक्षा के मौके पर मां की अचानक मौत हो गई, लेकिन छात्रा मन कड़ा करके परीक्षा देने पहुंची थी. 


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जानकारी के मुताबिक, नवादा जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र से जिजिविषा का ऐसा उदाहरण सामने आया है, जिसकी मिसाल खोजने पर भी मुश्किल से ही मिलेगी. शुक्रवार को एक छात्रा काजल जो कि मैट्रिक की परीक्षा दे रही है, उसकी मां का निधन हो गया. इस घटना के बाद परिवार में शोक छा गया और रोना-पीटना मच गया. मां के निधन से तो छात्रा बिल्कुल सदमे में ही चली गई. लेकिन इसी बीच काजल ने ठान लिया कि वह परीक्षा देने जाएगी. काजल परीक्षा देने गई, लेकिन घर पर यह कह गई कि जब तक मैं न लौटूं मां का अंतिम संस्कार मत करना. 


परीक्षा देने के लिए काजल को लोगों ने समझाया
मुफस्सिल थाना क्षेत्र के औरैना गांव निवासी काजल गोरेलाल सिंह की पुत्री है. शुक्रवार को उनकी पत्नी लालमुनि देवी की अचानक मौत हो गई. मां की मौत के बाद काजल जार-जार रोए जा रही थी. पहले एक बारगी उसने परीक्षा न देने का सोचा, लेकिन आस-पास के लोगों के समझाने के बाद वह परीक्षा देने के लिए राजी हो गई. काजल ने एक शर्त रखी कि जब तक परीक्षा देकर घर नहीं लौटती, तब तक दाह संस्कार नहीं होगा. इसके बाद काजल रोते हुए ही मां की अर्थी के सामने परीक्षा देने परीक्षा केंद्र पहुंची.परीक्षा केंद्र पर जब काजल पहुंची तो केंद्र पर ड्यूटी में तैनात अफसर भी द्रवित हो उठे. उन्होंने काजल को दिलासा दिया और धैर्य के साथ परीक्षा देने के लिए कहा, काजल के घर पहुंचने के बाद ही उसका दाह संस्कार किया गया. बताया जा रहा है कि काजल काफी गरीब परिवार से है. काजल के पिता छोटे-मोटे काम कर उसे पढ़ा रहे हैं.