Mushroom Farming: बिहार में मशरूम की खेती ने बदली युवा की जिंदगी, मिल रहे इतने रुपये
Mushroom Farming: एक तरफ बेरोजगारी से परेशान युवा नौकरी की तलाश में भटक रहे तों वहीं, कुछ ऐसे भी युवा हैं जो पीएम मोदी के `आत्मनिर्भर` थीम पर काम कर रहे हैं. ऐसे ही एक युवा बिहार के सौरभ कुमार हैं.
बाढ़: Mushroom Farming: एक तरफ जहां युवा सरकारी नौकरी के पीछे भाग रहे है. वहीं बिहार का एक युवा इन सब से अलग कृषि के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने में जुटा हुआ है. पटना में बाढ़ प्रखंड के सौरभ कुमार ने नौकरी की चिंता किए बिना कृषि के क्षेत्र में नई शुरुआत की है. नवादा पंचायत का यह युवा ना सिर्फ शिक्षित है बल्कि आत्मनिर्भर भी है.
1 साल तक कृषि के क्षेत्र में लिया प्रशिक्षण
सौरभ कुमार ने बताया की उसने नौकरी की चिंता किए बगैर कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की ठानी.पहले बिहार स्किल डेवलपमेंट सोसाइटी से 1 साल तक कृषि के क्षेत्र में प्रशिक्षण लिया. फिर लोन के पैसे से 1 साल के अंदर मशरूम की खेती शुरू कर दी.
10 लाख की सब्सिडी भी मिलेगी
सौरभ ने कहा, ' वो मशरूम की खेती अत्याधुनिक तरीके से बनाए गए टेंपरेचर मेंटेनेंस के साथ-साथ बेहतर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कर रहा है. जिसमें उसे मानसून के बारे में चिंता करने की जरुरत नहीं है.'
उन्होंने बताया कि ये प्रोजेक्ट उन्हें बागवानी मिशन के द्वारा मिला था. आज वो प्रतिदिन 12,500 रुपए का मशरूम बेच रहे हैं. सौरभ ने बताया कि लोन की किस्त पूरी होने के बाद उन्हें 1,00,00,00 की सब्सिडी भी मिलेगी .
सौरभ भविष्य में बड़े पैमाने पर मशरूम की खेती करना चाहते हैं. उसके (सौरभ) द्वारा उगाए गए सभी उत्पाद रिलायंस कंपनी के द्वारा ही खरीदे जा रहे हैं, जिससे वह काफी खुश हैं.
क्या है बिहार स्किल डेवलपमेंट मिशन योजना?
बिहार सरकार ने इस योजना की शुरुआत से ही तय किया था कि बिहार के मजदूर, युवा, वो लोग जिन्हें रोजगार की जरूरत है या फिर प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहते है, जो खुद का रोजगार स्थापित करना चाहते है. ऐसे लोग योजना से जुड़कर लाभ उठा सकते हैं.
(इनपुट -सुनील कुमार)
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