Navratri 2024 : देवी दुर्गा की आराधना में गरबा और डांडिया का क्यों है विशेष स्थान?
Garba Dance During Navratri: गरबा का गोलाकार आकार ब्रह्मांड के लगातार चलने वाले चक्र को दर्शाता है, जिसमें जीवन और मृत्यु एक चक्र में जुड़े होते हैं. यह नृत्य देवी की शक्ति का सम्मान करने और उनकी कृपा प्राप्त करने का एक तरीका माना जाता है.
Significance of Garba Dance During Navratri: नवरात्रि का त्योहार पूरे भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इस त्योहार में लोग नौ दिनों तक देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं और शक्ति की आराधना करते हैं. नवरात्रि केवल धार्मिक पूजा तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें सांस्कृतिक गतिविधियां भी महत्वपूर्ण होती हैं. गरबा और डांडिया, नवरात्रि के दौरान खेले जाने वाले प्रमुख नृत्य हैं, जो इस पर्व का मुख्य आकर्षण होते हैं. बिना गरबा और डांडिया के नवरात्रि का जश्न अधूरा माना जाता है.
गरबा का मतलब 'गर्भ' या 'अंदर का दीपक' होता है. इसे देवी दुर्गा की शक्ति का प्रतीक माना जाता है. नवरात्रि के दौरान लोग मिट्टी के मटके में दीप जलाकर उसके चारों ओर गरबा नृत्य करते हैं. मटके को देवी दुर्गा की शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है. गरबा नृत्य के दौरान जो गोल घेरा बनाया जाता है, वह जीवन चक्र और देवी की अनंत शक्ति का प्रतीक है. गरबा नृत्य भक्ति गीतों के साथ किया जाता है और इसे करने से भक्त अपनी आस्था और भक्ति व्यक्त करते हैं.
गरबा नृत्य का मुख्य उद्देश्य देवी दुर्गा की पूजा करना है. इसे देवी के गर्भ में छिपी ऊर्जा और शक्ति को प्रकट करने का माध्यम माना जाता है. गरबा का गोलाकार स्वरूप ब्रह्मांड के निरंतर चलने वाले चक्र को दर्शाता है, जो जीवन और मृत्यु के चक्र का प्रतीक होता है. यह नृत्य देवी की शक्ति का सम्मान करने और उनकी कृपा पाने का एक साधन माना जाता है. साथ ही डांडिया नृत्य में पुरुष और महिलाएं लकड़ी की छड़ियों का उपयोग करके नृत्य करते हैं. यह नृत्य देवी दुर्गा और महिषासुर के बीच हुई लड़ाई का प्रतीक है. डांडिया में इस्तेमाल की जाने वाली छड़ियां देवी दुर्गा की तलवार का प्रतीक मानी जाती हैं, जो बुराई का नाश करती हैं.
इसके अलावा बता दें कि गरबा और डांडिया सिर्फ धार्मिक नृत्य नहीं हैं, बल्कि यह समाज में एकता और प्रेम का संदेश भी फैलाते हैं. यह नृत्य समाज को एक साथ लाते हैं और सामाजिक संबंधों को मजबूत करते हैं. साथ ही, गरबा और डांडिया शारीरिक व्यायाम का भी बेहतरीन तरीका हैं. यह नृत्य मानसिक शांति और सुकून भी प्रदान करता है क्योंकि यह देवी दुर्गा की आराधना का एक रूप है. साथ ही नवरात्रि का त्योहार गरबा और डांडिया के बिना अधूरा है. यह नृत्य न सिर्फ देवी दुर्गा की पूजा का साधन है, बल्कि यह समाज में एकता और भक्ति का प्रतीक भी है. हर साल लोग इसे नए उत्साह और उमंग के साथ मनाते हैं.
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