पटनाः Navratri Mahaashtami Vrat: शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन देवी दुर्गा के आठवें स्वरूप को समर्पित है. नवरात्रि की अष्टमी तिथि को मां दुर्गा के मां महागौरी स्वरूप की उपासना की जाती है. मां महागौरी का रंग पूर्णता गोरा होने के कारण ही इन्हें महागौरी या श्वेताम्बरधरा भी कहा जाता है. मान्यता है कि अपनी कठिन तपस्या से मां ने गौर वर्ण प्राप्त किया था. तभी से इन्हें उज्जवला स्वरूपा महागौरी, धन ऐश्वर्य प्रदायिनी, चौतन्यमयी त्रैलोक्य पूज्य मंगला, शारीरिक मानसिक और सांसारिक ताप का हरण करने वाली माता महागौरी का नाम दिया गया. आज इस विशेष विधि से कीजिए मां की पूजा


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मां महागौरी पूजा विधि-
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
मां की प्रतिमा को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं.
मां को सफेद रंग के वस्त्र अर्पित करें. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां को सफेद रंग पसंद है.
मां को स्नान कराने के बाद सफेद पुष्प अर्पित करें.
मां को रोली कुमकुम लगाएं.
मां को मिष्ठान, पंच मेवा, फल अर्पित करें.
मां महागौरी को काले चने का भोग अवश्य लगाएं.
मां महागौरी का अधिक से अधिक ध्यान करें.
मां की आरती भी करें.


मां का ध्यान मंत्र-
या देवी सर्वभूतेषु माँ महागौरी रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥


मां को ये रंग है पसंद
भक्तों को पूजा करते समय गुलाबी रंग के वस्त्र पहनना चाहिए. गुलाबी रंग प्रेम का प्रतीक है. एक परिवार को प्रेम के धागों से ही गूथकर रखा जा सकता हैं, इसलिए नवरात्र की अष्टमी को गुलाबी रंग पहनना शुभ माना जाता है. मां महागौरी को पूजा के दौरान सफेद या पीले रंग का पुष्प अर्पित करना चाहिए. ऐसे में पूजा के दौरान मां दुर्गा को चमेली व केसर का फूल अर्पित किया जा सकता है.


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