पटनाः Siddhidatri Pujan Today: नवरात्रि के नौंवे दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. माता की पूजा संपूर्णता की प्रतीक है. मां सिद्धिदात्री कमल पुष्प पर आसीन होती हैं. हालांकि, इनका भी वाहन सिंह है. मां सिद्धिदात्री चार भुजाओं वाली हैं. इनकी दाहिनी ओर की पहली भुजा में गदा और दूसरी भुजा में चक्र है. बाईं ओर की भुजाओं में कमल और शंख है. नवरात्रि की समाप्ति के साथ नवमी का दिन बेहद खास होता है. महानवमी के दिन महास्नान और षोडशोपचार पूजा करने का रिवाज है. ये पूजा अष्टमी की शाम ढलने के बाद की जाती है. सूर्योदय से पहले स्नान कर साफ और सुंदर वस्त्र धारण करें. सर्वप्रथम गणेश और कलश पूजन कर मां सिद्धिदात्री की पूजा प्रारंभ करें. माता को पंचामृत से स्नान करवाएं. जानिए आज किस विधि से करें मां की पूजा-


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मां सिद्धिदात्री की पूजा-विधि (Maa Siddhidatri Ki Puja Vidhi):
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ वस्त्र धारण करें.
इसके बाद मां की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं.
मां को पुष्प अर्पित करें.
उन्हें रोली कुमकुम भी लगाएं.
मां को मिठाई और पांच प्रकार के फलों का भोग लगाएं.
मां सिद्धिदात्री की कथा सुनें.
मां के मंत्रों का जाप करें और अंत में मां की आरती अवश्य करें.
मां सिद्धिदात्री को मौसमी फल, खीर, नारियल, चना, पूड़ी और हलवा जरूर चढ़ाएं.


मां सिद्धिदात्री पूजा मंत्र (Maa Siddhidatri Mantra)
सिद्धगन्‍धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि,
सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी.
महानवमी पूजा का शुभ मुहूर्त (Maha Navami 2022 Puja Muhurat)
4 अक्टूबर को दोपहर 02 बजकर 20 मिनट तक नवमी रहेगी. 4 अक्टूबर को दोपहर 1.32 बजे तक हवन का बढ़िया मुहूर्त है. वहीं हवन करने के सबसे शुभ मुहूर्त की बात करें तो वो सुबह 9.10 बजे से साढ़े 11 बजे तक बताया जा रहा है. इसके अलावा हवन का शुभ मुहूर्त सुबह साढ़े 11 बजे से दोपहर डेढ़ बजे तक रहेगा.


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