Patna: देश में बढ़ती महंगाई ने अब सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है. जिस रफ्तार से महंगाई आसमान छू रही है, वो सरकार के पसीने छुड़ाने लगी है. पिछले डेढ़ साल की बात करें तो जब से कोरोना (Coronavirus) ने दस्तक दी है, उसके बाद से महंगाई पर लगामा लगाना मुश्किल होता जा रहा है. इसको लेकर सरकार को चौतरफा आलोचना झेलनी पड़ रही है. विपक्ष को तो महंगाई के रूप में एक ऐसा मुद्दा मिल गया है, जो सीधा आम लोगों से जुड़ा हुआ है. जनता खुद को इस समस्या से जोड़कर देखती है. इसलिए इस मुद्दे पर विपक्ष को जहां ताकत मिल रही है, वहीं सरकार के लिए जवाब देना मुश्किल हो रहा है.


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बिहार में भी सरकार के सामने ये चुनौती मुंह खोले खड़ी है. बात अगर सिर्फ विपक्ष के विरोध तक ही सीमित रहती तो भी सरकार के लिए थोड़ा आसान होता. मुश्किल तो ये है कि अब सहयोगी दल भी इस मुद्दे पर आवाज बुलंद करने लगे हैं. बिहार सरकार में शामिल विकासशील इंसान पार्टी (VIP) और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) ने महंगाई को लेकर अपनी आवाज उठाई है. दोनों दलों ने केन्द्र सरकार और राज्य सरकार से बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने की मांग की है.


महंगाई से मांझी भी परेशान, सहनी भी बढ़ते दाम से हलकान, दोनों को दिखा गरीबों का 'दर्द'
आवश्यक चीजों के बढ़ते दाम ने आम लोगों के पसीने छुड़ा दिए हैं. लोगों के लिए घर चलाना कठिन हो गया है. ऐसे में सियासी दल भी इसको लेकर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं. बिहार में सत्तारूढ़ NDA के दो घटक दलों ने महंगाई को लेकर अपनी जुबान खोली है. इसकी शुरुआत प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और HAM के मुखिया जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने की. मांझी ने महंगाई को देश के लिए विकट समस्या बताया और इस पर नियंत्रण की मांग की. मांझी ने कहा, 'ये मानना ही होगा कि महंगाई चरम पर पहुंच गई है. लोगों के लिए जीवनयापन बेहद कठिन होता जा रहा है. खास तौर पर गरीबों के लिए तो दो वक्त की रोटी भी मुश्किल हो रही है. मैं केन्द्र सरकार और प्रदेश सरकार से मांग करूंगा कि ठोस कदम उठाकर महंगाई पर जल्द नियंत्रण करें'.


जीतनराम मांझी के इस बयान पर फौरन प्रतिक्रिया भी आ गई. ये प्रतिक्रिया विपक्ष से नहीं बल्कि एक बार फिर NDA के अन्य घटक दल से आई. इस बार VIP ने मोर्चा संभाला. प्रदेश सरकार में मंत्री और विकासशील इंसान पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) ने जीतनराम मांझी के बयान का पूरा समर्थन किया. सहनी ने कहा कि 'कोरोना के दौरान देश की सारी गतिविधियां ठप पड़ गई थी. इसलिए अर्थव्यवस्था को भी काफी नुकसान पहुंचा. मांझी जी ने जो कहा है वो बिलकुल सही है. महंगाई बढ़ी है, इससे कोई इनकार नहीं कर सकता. लेकिन केन्द्र सरकार और बिहार सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि महंगाई पर नियंत्रण किया जा सके. मुझे पूरा भरोसा है कि सरकार के प्रयास जल्द ही सकारात्मक परिणाम देंगे'.


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मांझी-सहनी के बयान से विपक्ष को फिर मिला मौका, सरकार पर साधा निशाना 
महंगाई पर NDA के घटक दलों के बयान से विपक्ष को ताकत मिली और सरकार पर हमला बोलने का मौका मिल गया. विपक्ष ने महंगाई के मुद्दे पर सरकार को जमकर घेरा. विपक्ष ने कहा, 'जब विपक्ष ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया और महंगाई के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया, तब जाकर सत्तापक्ष की नींद खुली. जीतनराम मांझी और मुकेश सहनी को महंगाई की इतनी चिंता है तो सरकार में क्यों बैठे हैं? दरअसल, जब इन्हें एहसास हुआ कि महंगाई को लेकर जनता नाराज है, तो घड़ियाली आंसू बहाने चले आए. इतने महीने से महंगाई बढ़ी है, लेकिन मांझी जी को अब जाकर पता चला है'.


विपक्ष ये लगातार आरोप लगा रहा है कि सरकार की गलत नीतियों की वजह से महंगाई बढ़ी है. विपक्ष कह रहा है, 'सरकार की शह पर जमाखोरी हो रही है. टैक्स के नाम पर सरकार जनता की जेब काट रही है. देश में टैक्स के नाम पर लूट मची है. रेवेन्यू कलेक्शन के बहाने सरकार लोगों का निवाला छीनने में लगी है'.


दरअसल बिहार में विपक्षी दलों ने हाल ही में महंगाई के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया था. पहले कांग्रेस ने महंगाई के खिलाफ साइकिल मार्च निकाला. उसके बाद RJD ने दो दिनों तक प्रखंड से लेकर जिला मुख्यालयों तक प्रदर्शन किया और अब जनता की भावनाओं को समझते हुए सत्तापक्ष से भी महंगाई को लेकर आवाज उठने लगी है. ऐसे में सरकार पर महंगाई को नियंत्रित करने का दबाव बढ़ गया है.