Bihar News: मंगल पांडेय ने स्पष्ट कहा है कि मार्च के अंतिम सप्ताह में कोरोना संक्रमण काफी तेजी से फैला. संक्रमण ने बिहार को बीस दिनों के अंदर अपनी चपेट में ले लिया.
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Patna: केंद्र सरकार ने मंगलवार को संसद में बताया कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से ऐसी कोई सूचना नहीं मिली कि कोरोना की दूसरी लहर (Corona Second Wave) में ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी से कोई मौत हुई है. केन्द्र सरकार के इस बयान पर सियासी बयानबाजी शुरू हो चुकी है. केन्द्र सरकार के इस जानकारी पर खूब बयानबाजी हो रही है.
बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय (Mangal Pandery) ने भी बिहार की स्थिति को स्पष्ट किया है. मंगल पांडेय ने स्पष्ट कहा है कि मार्च के अंतिम सप्ताह में कोरोना संक्रमण काफी तेजी से फैला. संक्रमण ने बिहार को बीस दिनों के अंदर अपनी चपेट में ले लिया. उन्होंने कहा कि अचानक से बिहार में ऑक्सीजन डिमांड (Oxygen Demand) बढ़ी है. आजतक किसी ने कल्पना नहीं की होगा कि सोलह मैट्रीक टन से डिमांड 232 मैट्रीक टन पहुंच जायेगी.
बतौर मंत्री, 'उस दौर में एक दिन में 232 मैट्रीक टन तक ऑक्सीजन का उठाव हो रहा था. यह सब बीस दिनों के अंदर हुआ. चौदह गुणा डिमांड बढ़ी. डिमांड बढ़ने से परेशानियां जरूर हुई लेकिन हमने आपूर्ति के लिए लोरी का इंतजाम किया.रिफिलिंग प्लांट का इंतेजाम किया. लिक्विड ऑक्सीजन हॉस्पिटल तक पहुंचाया. हमने किसी मरीज को ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी.'
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि हमने केंद्र को कोरोना से मौत की रिपोर्ट दी है. डॉक्टरों ने जो मौत का कारण लिखा है उसी रिपोर्ट को केंद्र को भेजा गया है. बेड की कमी के सवाल पर उन्होंने कहा कि बेड की आवश्यकता बढ़ी थी. कई जगहों पर अतिरिक्त बेड लगाए गए थे. बिहार में नौ हजार छह सौ लोगों की मौत हुई थी. लेकिन ये सारी मौत कोविड के कारण से नहीं हुई.
हॉस्पिटल में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने पर कहा कि पूरे बिहार में 122 प्लांट लगाए जा रहे हैं. 63 पीएम केयर फंड से लगाए जा रहे हैं. 9 तेल कंपनियां लगा रही है. कुछ जगहों पर प्लाट कुछ दिनों में शुरू हो जायेंगे. आठ मेडिकल कॉलेज में आक्सीजन टैंक लगाए जा रहें है. 8 से 10 दिनों में यह काम करना शुरू हो जाएगा.
स्वास्थ्य मंत्री ने टीकाकरण पर आगे कहा कि दिसम्बर तक हम लक्ष्य प्राप्त कर लेंगे. टीकाकरण का लक्ष्य दैनिक, साप्ताहिक और मासिक नहीं है. दिसम्बर महीने तक 6 करोड़ लोगों को टीका लगाया जाएगा. बाढ़ प्रभावित गांव मे नाव पर टीका दिया जा रहा है. उत्पादन और आपूर्ती के हिसाब से हमने रोडमैप तैयार कर लिया है. बिहार को जितनी वैक्सीन मिलती है उन्हें लोगों को लगा दिया जाता है.
वैक्सीन का उत्पादन हर महीने बढ़ रहा है. दिसंबर तक हर हाल में छह करोड़ लोगों को वैक्सीन लगेगा. भारत के अंदर टीका का उत्पादन हो रहा है. केन्द्र सरकार हमे टीके की जानकारी दे रही है. मई महीने से अधिक टीकाकरण जून में हुआ. जून से अधिक जुलाई में होगा और जुलाई से अधिक अगस्त में होगा. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में टीकाकरण नाव के जारिए किया जा रहा है.