पटना: बिहार में एक तरफ शिक्षकों की नई नियमावली के तहत भर्ती को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. नीतीश सरकार के गठबंधन के ही कई दल सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ नई नियुक्ति वाले शिक्षकों का वेतन तय कर दिया गया है. इस फैसले पर भी जल्द ही कैबिनेट की मुहर लग सकती है. 


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बता दें कि बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के प्रशासी पदवर्ग समिति की तरफ से नए शिक्षकों के लिए वेतनमान तय किया गया है. इसमें वेतन के लिए 4 स्लैब बनाए गए हैं. जिसमें कक्षा एक से पांच, 6 से 8वीं कक्षा, 9वीं से 10वीं कक्षा और फिर 11वीं से 12वीं कक्षा के लिए शिक्षकों के अलग-अलग वेतनमान निर्धारित किए गए हैं. 


इस नए वेतनमान के तहत अगर सेवा ली जाएगी तो सरकार पर अरबों रुपए का खर्च आएगा. ऐसे में वेतनामन के लिए जो चार स्लैब बनाए गए हैं. उसमें पहले स्लैब के लिए 25 हजार, दूसरे स्लैब के लिए 28 हजार, तीसरे स्लैब के लिए 31 हजार और चौथे स्लैब के लिए 32 हजार का वेतनमान तय किया गया है. 


बता दें कि राज्य में 11वीं से 12 वीं कक्षा के लिए शिक्षकों की 57 हजार से ज्यादा रिक्तियों को भरा जाना है. वहीं माध्यमिक शिक्षकों के 9 हजार पद खाली हैं. शिक्षक अभ्यर्थी अब सरकार के द्वारा जारी इस नए वेतनाम से संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं और इसे बेहद कम बता रहे हैं. वहीं राज्य में 21 हजार 391 सिपाहियों की भर्ती की प्रक्रिया की भी शुरुआत हो गई है. अब सारी शर्तों को ध्यान में रखकर इसका विज्ञापन जल्द निकाला जाएगा. 


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मतलब साफ है कि बीपीएसी की तरफ से होने वाले नए शिक्षक नियुक्ति के तहत अब 1 लाख 78 हजार और 26 शिक्षकों की नियुक्ति होनी है.ऐसे में बता दें कि कक्षा एक से 5 तक के लिए 85 हजार से ज्यादा, कक्षा 6 से 8 तक के लिए 1700 से ज्यादा, कक्षा 9 से 10 तक के लिए 33 हजार से ज्यादा और कक्षा 11 से 12 तक के लिए 57 हजार से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्ति होनी है. 


इसके साथ ही शिक्षकों को उनके मूल वेतन पर डीए, एचआरए, मेडिकल का भत्ता अलग से मिलेगा. ऐसे में जो राशि इन सबको जोड़कर बनेगी उसमें से 1800 रुपए कर्मचारी के भविष्य निधि का कटकर उन्हें शेष बची राशि बेतन के रूप में मिलेगी.