पटना: बिहार में शराबबंदी को कड़ाई से पालन करने को लेकर सरकार अब योजना बदलने जा रही है. सरकार शराबबंदी को सख्ती से लागू करने के लिए अब पीने वालों से अधिक शराब के धंधेबाजों की गिरफ्तारी और उनको सजा दिलाने पर अधिक प्राथमिकता देगी. शराब की आपूर्ति और बिक्री करने वालों को पकड़ने को लेकर पहले से चल रहे अभियान को तेज किया जाएगा.


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मद्य निषेध विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि बिहार पुलिस शराब की सप्लाइ चेन को तोड़ने का पूरा प्रयास कर रही है. इसके तहत बाहर से शराब मंगाने वाले बिहार के धंधेबाजों से संबंधित कई लोगों की पहचान की गई है. पुलिस ने पिछले एक साल में बिहार के अंदर दूसरे राज्यों से शराब आपूर्ति करने वाले 90 शराब माफियाओं को पकड़ा है.


आपूर्ति करने वाले और स्थानीय स्तर पर विक्रेता (रिसीवर) से जुड़े 60 हजार लोग पकड़े गए हैं. उन्होंने कहा कि होम डिलिवरी करने वालों को लेकर भी अभियान चलाया जा रहा है. कई बड़े माफियाओं को सजा दिलाने के लिए स्पीडी ट्रायल चलाया जा रहा है.


उल्लेखनीय है कि सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार में शराबबंदी को लेकर हुई समीक्षा बैठक हुई थी, जिसमें शराब की आपूर्ति करने वालों की पहचान कर उस पर शिकंजा कसने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं.


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्देश दिया है कि नाजायज शराब की आपूर्ति और बिक्री के खिलाफ चल रहे अभियान को और भी सघन बनाया जाए तथा इसकी आपूर्ति करने वाले राज्य के अंदर और बाहर के लोगों को पकड़ने में तेजी लाई जाए. सरकार का मानना है कि दूसरे राज्यों से शराब की हो रही आपूर्ति के कारण ही शराब बिहार में बिक रही है.


मुख्यमंत्री ने कहा कि पीने वालों की अपेक्षा ऐसे लोगों को न सिर्फ पकड़ा जाये, बल्कि उनको कोर्ट से सजा दिलाने का काम भी हो. एक अधिकारी ने बताया कि शराबबंदी को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए बीते त्योहारी महीने अक्तूबर में ही 20 हजार से अधिक लोग गिरफ्तार किए गए हैं. इनमें आम से लेकर खास लोग शामिल रहे.


(आईएएनएस)