Patna: नीतीश सरकार की तरफ से जारी एक आदेश की मानें तो अब प्रदेश भर में मंदिर और मठों के जमीन की खरीद बिक्री संभव नहीं हो पाएगी. दरुसल बिहार सरकार की तरफ से प्रदेश के सभी जिले के जिलाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश जारी किया गया है. राज्य में जितने भी मंदिर या मठ पंजीकृत हैं उनके भूमि सहित सभी अचल संपत्तियों की खरीद-बिक्री का काम न हो. 


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इसके साथ ही निर्देश में यह भी निर्देशित किया गया है कि सभी जिले के जिलाधिकारी बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड (बीएसबीआरटी) प्रदेश के सभी पंजीकृत मंदिर और मठों की जमीन और अचल संपत्ति का विवरण मुहैया कराएं.  बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड इन्हीं जानकारी को अपनी वेबसाइट पर अपलोड करेगी. ऐसे में आपको बता दें कि बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड की तरफ से जो आंकड़ा इकट्ठा किया गया था उसमें 35 जिलों से जो जानकारी निकलकर आई थी उसकी मानें तो राज्य भर में 2512 से ज्यादा ऐसे मंदिर और मठ हैं जो अपंजीकृत हैं जिनको पंजीकृत नहीं कराया गया है और इनके पास 4,321.61 एकड़ से ज्यादा जमीन है. 


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जबकि बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड (बीएसबीआरटी) की मानें तो उनके पास पंजीकृत मंदिरों की कुल संख्या 2500 के आसपास है. जिनके पास जमीन के नाम पर 18,456 एकड़ भूमि है. ऐसे में बिहार सरकार अब उन मंदिरों को भी बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड (बीएसबीआरटी) में पंजीकृत करवाने के आदेश जारी कर सकती है जो गैर पंजीकृत हैं. इसके लिए सरकार की तरफ से जिलाधिकारियों को आदेश भी जारी किया गया है कि इसे प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाए और जिन जिलों में जितने अपंजीकृत मंदिर हैं सभी का पंजीकरण सुनिश्चित किया जाए.इसके साथ ही जो भी पंजीकृत मंदिर या मठ हैं उनकी भूमि सहित अचल संपत्तियों की खरीद फरोख्त नहीं हो इसे भी सुनिश्चित किया जाए. 


बिहार सरकार के विधि मंत्री शमीम अहमद की मानें तो जो भी लोग पंजीकृत मंदिरों, मठों या न्यासों की संपत्तियों की खरीद-बिक्री में शामिल पाए जाएंगे उनके खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी. वहीं बीएसबीआरटी में जिन अपंजीकृत मंदिर-मठों का पंजीकरण नहीं करवाया गया तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. मंत्री का कहना है कि सभी मंदिर और मठों की संपत्तियों को अवैध तरीकों से किए जा रहे दावों से बचाने के लिए पंजीकरण जरूरी है.