Patna: बिहार में सोमवार को स्वतंत्रता दिवस धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. राज्य में मुख्य समारोह पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित किया जा रहा है, जहां राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय तिरंगा फहराया. नीतीश कुमार ने कहा कि देश में जनसंख्या नियंत्रण पर कानून की कोई जरूरत नहीं है. भाजपा का साथ छोड़ने के बाद स्वतंत्रता दिवस पर नीतीश कुमार का ये पहला भाषण था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

विकास के लिए हुए हैं कई काम


ध्वजारोहण के बाद लोगों को संबोधित करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि विकास के कई काम हुए हैं. समाज सुधार के लिए भी लगातार काम हो रहे हैं. उन्होंने प्रजनन दर को कम करने के लिए बालिक शिक्षा को बढ़ावा देने पर बल दिया. उन्होंने जोर देकर कहा कि जनसंख्या पर प्रतिबंध लगाने की जरूरत नहीं है. उन्होनें कहा कि राज्य में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के बाद राज्य में प्रजनन दर में गिरावट आई है. फिलहाल राज्य में प्रजनन दर 2.9 प्रतिशत है.


20 लाख लोगों को लोगों को मिलेगा रोजगार


उन्होंने कहा कि नौकरी और रोजगार का काम होगा, 20 लाख लोगों को नौकरी और रोजगार मिलेगा. मुख्यमंत्री ने दावा करते हुए कहा कि राज्य में मौसम अनुकूल खेती का काम चल रहा है. प्रतिवर्ष डेढ़ लाख किसानों को प्रशिक्षित किया जा रहा है. जातीय आधारित गणना की चर्चा करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा यह काम जरूर कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसमें 500 करोड रुपये खर्च होने का अनुमान है.
उन्होंने कहा कि इस गणना के साथ ही आर्थिक सर्वेक्षण कराया जाएगा. नीतीश कुमार ने कहा कि चाहे कोई किसी भी जाति का हो, सबका आकलन होगा कि कौन कितना गरीब है. आर्थिक सुधार की दिशा में काम करेंगे. मांग जो करना होगा वह तो करते ही रहेंगे, लेकिन जो राज्य सरकार की जिम्मेदारी वह हम अपने स्तर से करेंगे.


उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी जरूरत है न्याय के साथ विकास. सरकार की कामना है कि समाज में सद्भाव और भाईचारे का माहौल रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि चुनौतियों के बावजूद हमलोग प्रगति के पथ पर अग्रसर हैं. उन्होंने कहा कि कब्रिस्तानों की घेराबंदी के बाद अब मंदिरों की भी घेराबंदी कराई जा रही है. मंदिरों में कभी कभार मूर्तियों की चोरी हो जाती है. घेराबंदी होने के बाद ऐसी घटनाओं में कमी आएगी.
उन्होंने कहा कि बाढ हो या सूखा, आपदा की स्थिति से निबटने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है. अब बच्चों को भी विद्यालयों में कई तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाते हैं. बच्चों को आपदाओं का सामना करने का तरीका बताया जा रहा है. उन्हें तैरना सिखाया जा रहा है.


(इनपुट: आईएएनएस)


यह भी पढ़े- Independence Day 2022: बिहार के 26 पुलिसकर्मी हुए सम्मानित, 2 अफसरों को मिला प्रेसिडेंट पुलिस मेडल, यहां देखें लिस्ट