बाढ़: भारतीय रेलवे आज विकास की नई कहानी लिख रहा है. देशभर रेलवे स्टेशनों को हाईटेक बनाया बनाया जा रहा है. इस बिहार में एक ऐसा रेलवे स्टेशन भी है जहां फुटब्रिज होने के बावजूद लोग जान जोखिम में डालकर रेलवे ट्रैक पार करने करते हैं. अपनी लापरवाही से वो किसी बड़ी अनहोनी को दावत देने का काम करते हैं.  पूर्व मध्य रेलवे के दानापुर रेलवे डिवीजन में आने वाले बाढ़ रेलवे स्टेशन पर यह नजारा किसी एक दिन की बात नहीं, बल्कि यह उनकी रोज की जिंदगी का हिस्सा बन गया है. प्लेटफार्म नंबर 1 पर दो फुटब्रिज है. इसके बावजूद लोग इसी तरह लापरवाही से रेलवे पटरी पार करते हैं.


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बता दें कि अमृत भारत रेलवे स्टेशन योजना के तहत बाढ़ रेलवे स्टेशन का रिनोवेशन हो रहा है. इसी कारण प्लेटफार्म नंबर वन पर स्थित एक फुट ब्रिज पुल को बंद कर दिया गया है, जबकि दूसरा फुटब्रिज प्लेटफार्म नंबर एक पर कुछ दूर स्थित है. यात्री रेलवे ट्रैक पार करने की हड़बड़ी में फुटब्रिज का प्रयोग नहीं करते और रोज ऐसे ही रेलवे पटरी पारकर हादसे को दावत देते हैं. रेलवे स्टेशन प्रबंधक के ऑफिस के सामने महिलाएं एवं बच्चे मालगाड़ी के नीचे रेंग कर पटरी पार करते हैं लेकिन उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है. अब प्लेटफार्म का यह नजारा लोगों को आश्चर्यचकित भी नहीं करता, लोग इसी तरह लापरवाही से रेलवे पटरी पार करने के अभ्यस्त हो चुके हैं.


इस ओर न तो रेलवे पुलिस को इसकी चिंता है और न ही स्टेशन मास्टर इसे लेकर कोई कदम उठाते हैं. बाढ़ रेलवे स्टेशन का यह हाल तब है, जब आए दिन रेलवे पटरी पार करते हुए यात्री ट्रेन की चपेट में आकर जान गंवाते रहते हैं. वहीं इस मामले में जब बाढ़ स्टेशन प्रबंधक जेपी सिंह से बात करने का प्रयास किया गया, तो वे गुस्से में भड़क गए और रिपोर्टर के हाथ से कैमरा छीन कर अनाप-शनाप बकने लगे. ऐसे में जन सरोकार के मुद्दों पर रेलवे अधिकारियों का यह ढीला ढाला रवैया उनकी कार्य प्रणाली पर कई सवाल खड़े करता है.


इनपुट- चंदन राय


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