पटना : बिहार का नाम सुनते ही 'बिहारी' और 'रिक्शवाला' आम इंसान की सोच में यही आता है, लेकिन बिहार की उसी धरती से एक ऐसा इंसान जिसने देश ही नहीं दुनिया में अपनी मेहनत और लगन से अपना वर्चस्व कायम किया. बिहार के पटना में जन्म हुआ उसके बाद बिहार की मिट्टी में ही इनका बचपन गुजरा. देश की मशहूर वेदांता कंपनी के फाउंडर और सीईओ अनिल अग्रवाल की हम बात कर रहे हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पटना में अनिल अग्रवाल का हुआ जन्म 
अनिल अग्रवाल का जन्म बिहार के पटना में एक साधारण परिवार में हुआ था. इनके पिता डीपी अग्रवाल एल्युमीनियम कंडक्टर का बिजनेस करते थे. पिता का एल्युमीनियम कंडक्टर में होने की वजह से बचपन से ही अनिल अग्रवाल को एल्युमीनियम,स्टील आदि का ज्ञान मिलना शुरू हो गया था, मेटल सेक्टर से बचपन में ही लगाव हो गया था. अनिल ने अपनी स्कूलिंग पटना से कम्पलीट की. अनिल अग्रवाल 15 साल की उम्र में पढ़ाई को छोड़ कर मुंबई पहुंच गए. वह यहां अपना करियर बनाने के लिए पहुंचे थे. यहां उन्होंने स्क्रैप डीलर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की. 


मेटल सेक्टर से लगाव 
अनिल अग्रवाल को बचपन से ही मेटल सेक्टर से लगाव था और उन्हें पता था की मेटल सेक्टर में ही उन्हें अपना उज्जवल भविष्य मिलेगा. जिसके लिए उन्होंने वेदांत कंपनी का निर्माण किया. वही वेदांत कंपनी के फाउंडर हैं, वर्तमान की बात करे तो वो कंपनी के सीईओ भी हैं. आज वेदांत कंपनी देश और दुनिया में मेटल सेक्टर की नामी कंपनी है वेदांत कंपनी के पास 2022 में लगभग 2 लाख करोड़ की सम्पति हो गई है.  


21 हज़ार करोड़ कर दिए थे दान 
"पैसा ही सब कुछ नहीं है, समाज ने जो दिया, उसे लौटाना भी चाहिए" अनिल अग्रवाल ने 21 हज़ार करोड़ दान करने के बाद यही कहा था. कंपनी के लिस्टिंग के 10 साल पूरे होने पर उन्होंने ये दान किया था.  अनिल अग्रवाल तरक्की की सीढ़िया चढ़ते जा रहे हैं इसमें एक और कदम आगे बढ़ाते हुए उन्होंने अब वेदांत कंपनी को लंदन स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट कराया है. 


ये भी पढ़ें- बिहार में जहरीली शराब पीने से आठ लोगों की मौत, पुलिस जांच में जुटी