Patna: बिहार में तकरीबन एक लाख 25 हजार माध्यमिक व प्राथमिक शिक्षकों की राज्य में नियुक्ति मामले में पटना हाईकोर्ट द्वारा लगी रोक हटा दी है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि नियोजन शिक्षकों की भर्ती में दिव्यांगों को 4 फीसदी आरक्षण का लाभ दिया जाएगा. कोर्ट के इस फैसले के बाद दिव्यांगों में खुशी की लहर दौड़ उठी है. 


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याचिका निष्पादित
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल व न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ के समक्ष गुरुवार को उक्त मामले पर सुनवाई हुई. राज्य सरकार के महाधिवक्ता ललित किशोर ने बताया कि खंडपीठ ने नियुक्ति पर लगी रोक को हटाते हुए याचिका को निष्पादित कर दिया है. 
 
नए सिरे से दिव्यांगों को आवेदन की छूट
इसके साथ ही खण्डपीठ ने वैसे दिव्यांग शिक्षक अभ्यर्थियों को उक्त पद के लिए आवेदन करने की छूट दी है, जो विज्ञापन की तिथि यानी 2019 में विज्ञापन की तिथि को योग्य थे, वे जारी होने वाली अधिसूचना की तिथि से पंद्रह दिनों के भीतर आवेदन कर सकते हैं. 


दिव्यांगों के लिए 4 फीसदी आरक्षण
पूर्व में महाधिवक्ता ने कोर्ट की बताया था कि राज्य सरकार ने दिव्यांगों के लिए 4 फीसदी आरक्षण देने के प्रावधानों का अनुपालन कर दिया है. उसी प्रकार सारी चयन प्रक्रिया की गई है. तकरीबन 1.25 खाली जगहों के लिए 4 फीसदी आरक्षण दिया गया है. हाईकोर्ट द्वारा नियुक्ति पर रोक लगाने से अंतिम चयन सूची की अधिसूचना जारी नहीं की जा सकी है.  


महाधिवक्ता ने दिया था विकल्प
महाधिवक्ता ने कोर्ट के समक्ष यह भी कहा था कि या तो रिट याचिका के अंतिम परिणाम के फलाफल के अनुसार राज्य सरकार को नियुक्ति को अंतिम रूप देने की अनुमति दी जाए या वैकल्पिक तौर पर 1.25 लाख वेकैंसी का 4 फीसदी जगह दिव्यांगों के लिए सुरक्षित रखने की अनुमति दी जाए. इसे रिट याचिका के निष्पादन के बाद भरा जाएगा. इस बीच शेष अभ्यर्थियों की नियुक्ति की अनुमति दी जाए.


ब्लाइंड एसोसिएशन ने अधिसूचना की मांग की थी
दूसरी ओर फेडरेशन ऑफ ब्लाइंड एसोसिएशन के वरीय अधिवक्ता श्री रूंगटा ने कोर्ट को बताया था कि पहले दिव्यांगों के लिए खाली जगहों को अधिसूचित किया जाना चाहिए. वैसे दिव्यांग शिक्षक अभ्यर्थी जो आवेदन नहीं कर पाए हैं, उन्हें नए सिरे से आवेदन करने का मौका दिया जाना चाहिए. तभी अंतिम रूप से नियुक्ति की जानी चाहिए.


(इनपुट- स्वयं प्रकाश/प्रीतम पांडे)