पटना: Monkeypox Case in Bihar: बिहार स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को पटना के गुरहट्टा इलाके में मंकीपॉक्स के एक संदिग्ध मामले का पता लगाया है. पीड़ित एक महिला है और स्वास्थ्य अधिकारियों की एक टीम ने परीक्षण के लिए उसके नमूने एकत्र किए हैं. 


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एक अधिकारी के मुताबिक, महिला में मंकीपॉक्स के सभी लक्षण हैं और फिलहाल वह होम आइसोलेशन में है. उन्होंने कहा, 'हमने मरीज के नमूने लिए हैं और उन्हें परीक्षण के लिए भेज दिया है. वह अब घर से अलग है और एक टीम उसके स्वास्थ्य की निगरानी कर रही है.' 


स्वास्थ्य विभाग सतर्क
इससे पहले, दिल्ली में मंकीपॉक्स का एक और केरल में तीन मामले सामने आए थे. इसलिए, बिहार का स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर है और मेडिकल और नर्सिंग स्टाफ, एएनएम (सहायक नर्स और दाई), और आशा कार्यकर्ताओं को तैयार रहने को कहा है.


नर्सों, दाइयों और आशा कार्यकर्ताओं को विशेष रूप से उच्च घनत्व वाले क्षेत्रों पर नजर रखने और किसी भी रोगी में बीमारी के लक्षण पाए जाने पर विभाग को सूचित करने के लिए कहा गया था. 65 देशों में संक्रमण के 16,000 से अधिक मामले सामने आने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपॉक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है.


कैसे प्रवेश करता है मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स या तो जानवरों से इंसानों में या इंसान से इंसान में फैलता है. वायरस आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति के मुंह, नाक, आंख और त्वचा के घावों के माध्यम से मानव शरीर में प्रवेश करता है.


बता दें कि बिहार सरकार मंकीपॉक्स को लेकर बेहद सतर्क है. मंगलवार को बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने मंकीपॉक्स को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की, जिसमें स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ तमाम सिविल सर्जन मौजूद रहे हैं.


बैठक में मंगल पांडेय ने मंकीपॉक्स को लेकर एहतियातन जरूरी सुझाव दिए. उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति में लक्षण पाए जाने पर लिए सैंपल जांच किए जाएं. स्वैव, यूरिन और ब्लड जांच के लिए सैंपल लिए जाएंगे. सभी सैंपल पुणे वायरोलॉजी लैब भेजे जाएंगे.


गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मंकीपाक्स को लेकर इमरजेंसी घोषित करने और देश के कई हिस्सों में मरीजों के मिलने के बाद बिहार में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है. राज्य स्वास्थ्य विभाग ने इसको लेकर अलर्ट जारी किया है साथ ही सभी जिलों को गाइडलाइन भेजी है. 
 
बिहार स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि राज्य के किसी भी हिस्से में कोई मामला सामने आता है तो तुरंत ही इसकी सूचना स्वास्थ्य मुख्यालय को भेजी जाए. साथ ही, विदेश से लौटने वालों पर विशेष नजर रखने का निर्देश दिया गया है. इसके अलावा अगर 21 दिन के अंदर कोई लौटा हो तो उसकी जानकारी लेने का भी निर्देश दिया गया है.


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(इनपुट-आईएएनएस)