पटनाः Paush Mas Vrat Tyohar: बुधवार 7 दिसंबर को मार्गशीर्ष माह की समाप्ति हो रही है. इसके बाद हिंदी माह का दसवां महीना पूस यानी पौष मास आरंभ हो जाएगा. पौष माह में शीत ऋतु अपने चरम पर होती है और इसी दौरान हाड़ कंपाने वाली सर्दी भी पड़ती है. प्रसिद्ध कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद ने इसी पौष मास की सर्दी को अपनी कहानी 'पूस की रात' में एक किरदार की तरह पेश किया है. पूस पौष माह का ही ग्रामीण अपभ्रंष माह है. 


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पौष मास में होती है सूर्यदेव की आराधना
असल में पौष मास की पूर्णिमा को चंद्रमा पुष्य नक्षत्र में रहता है इसलिये इस मास को पौष का मास कहा जाता है. पुष्य नक्षत्र को पूषा या पुन्खा नक्षत्र भी कहते हैं. पौष मास में सूयदेव की आराधना का विशेष महत्व है. मान्यता है कि सूर्य देवता के भग नाम से इस माह में उनकी पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. वहीं एक मान्यता यह भी है कि इस मास में मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिये क्योंकि उनका शुभ फल नहीं मिलता. मान्यता है कि लोग सांसारिक कार्यों की बजाय धर्म-कर्म में रुचि लें इसी कारण इस सौर धनु मास को खर मास की संज्ञा ऋषि-मुनियों ने दी. 


कई महत्वपूर्ण तिथियां आएंगी
पौष के महीने में कोई खास मांगलिक कार्य तो नहीं होते हैं, लेकिन व्रत और त्योहारों के लिहाज से यह महीना भी कम महत्वपूर्ण नहीं है. इसी महीने में सूर्यदेव धनु राशि में प्रवेश करेंगे, जिसे पौष संक्रांति कहा जाएगा. इसके साथ ही सफला एकादशी, पुत्रदा एकादशी जैसी पवित्र तिथियां भी आएंगी. पौष अमावस्या को दान की अमावस्या कहते हैं. इस पावन पौष मास की शुरुआत 9 दिसंबर 2022 से हो रही है, जानिए इस महीने के अन्य पवित्र व्रतों की तारीखें. 


पौष मास के त्यौहार व व्रत
अखुरथ संकष्टी चतुर्थीव्रत - रविवार, 11 दिसंबर 2022
कालाष्टमी व्रत - शुक्रवार, 16 दिसंबर 2022
सफला एकादशी - सोमवार, 19 दिसंबर 2022
प्रदोष व्रत - बुधवार, 21 दिसंबर 2022
मासिक शिवरात्रि - बुधवार, 21 दिसंबर 2022
पौष अमावस्या - सोमवार, 23 दिसंबर 2022
ब्रह्म गौर व्रत - शनिवार, 04 जनवरी 2023
पुत्रदा एकादशी - सोमवार, 02 जनवरी 2023
शाकंभरी देवी जयंती - शुक्रवार, 06 जनवरी 2023
पौष पूर्णिमा - शुक्रवार, 06 जनवरी 2023


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