Bihar Flood: कोसी नदी के उफान से हर तरफ तबाही, डूबे गांव और बेघर हो गए लोग
Bihar Flood:गांव के गांव पानी में डूब चुके हैं और लोग बेघर होकर सुरक्षित ठिकानों की तलाश में भटक रहे हैं. सरकार ने पहले कहा था कि सभी तटबंध सुरक्षित हैं, लेकिन पिछले 24 घंटों में कई जगह तटबंध टूट गए, जिससे सरकार के दावे गलत साबित हो गए हैं.
कोसी नदी का बढ़ता जलस्तर
नेपाल में लगातार हो रही बारिश के कारण कोसी नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. इसके कारण बिहार के कई जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं, जहां गांव के गांव पानी में डूब गए हैं. लोग अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की तलाश में भटक रहे हैं.
तटबंध का टूटना
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बिहार सरकार द्वारा तटबंधों की सुरक्षा का दावा किया गया था, लेकिन पिछले 24 घंटों में कई तटबंध टूट गए हैं. खासकर, दरभंगा के भूभोल इलाके में कोसी नदी का पश्चिमी तटबंध टूटने के बाद हालात गंभीर हो गए हैं. पानी तेजी से फैल रहा है, जिससे लाखों लोगों के लिए खतरा बढ़ गया है.
लोगों का पलायन
तटबंध के टूटने के बाद दरभंगा के कुशेश्वरस्थान और बिरौल इलाकों में हजारों लोग अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर हो गए हैं. वे अब तटबंध पर आकर बसे हुए हैं, क्योंकि उनके पास कोई अन्य सुरक्षित स्थान नहीं है. महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग और मवेशी सभी तटबंध पर आसरा लिए हुए हैं.
सरकारी मदद का अभाव
बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि अब तक सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं पहुंची है. न ही राहत सामग्री उपलब्ध कराई गई है, न ही खाने-पीने की व्यवस्था की गई है. लोग बिना किसी सहारे के कठिन परिस्थितियों में दिन गुजार रहे हैं.
घर-बार का नुकसान
कोसी नदी का पानी दरभंगा के कई इलाकों में फैल चुका है. हजारों मकान पानी में डूब गए हैं, कई घरों की छतें भी गिर गई हैं. बिजली के खंभे नदी में समा गए हैं, जिससे बिजली आपूर्ति ठप हो गई है और जनजीवन प्रभावित हुआ है.
मवेशियों की सुरक्षा
लोग अपने मवेशियों को भी साथ लेकर सुरक्षित स्थानों पर जाने की कोशिश कर रहे हैं. घरों में पानी भर जाने से मवेशियों के लिए चारा और ठहरने की जगह नहीं बची है. तटबंध पर ही लोग अपने मवेशियों के साथ अस्थायी बसेरा कर रहे हैं.
एनडीआरएफ की टीमें राहत कार्य में जुटीं
बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए एनडीआरएफ की टीमें दरभंगा पहुंच गई हैं. वे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर निकालने में मदद कर रही हैं. कई इलाकों में बाढ़ के पानी ने घरों को पूरी तरह से घेर लिया है, जिससे राहत कार्य करना और भी चुनौतीपूर्ण हो गया है.
बाढ़ का व्यापक प्रभाव
बाढ़ के कारण कई जिलों में जनजीवन ठप हो गया है. सड़कों पर पानी भर जाने से आवागमन पूरी तरह बंद हो गया है. खेती-बाड़ी और फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है, जिससे किसानों की आजीविका पर संकट खड़ा हो गया है.