चूंकी हनुमान जी ब्रह्मचारी थे इसलिए महिलाएं इन दिन बजरंगबली की मूर्ति को स्पर्श न करें. महिलाओं को दूर से दिया जलाकर हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए.
स्त्रियां हनुमान जी की पूजा के दौरान उनके मंत्रों का जाप, हनुमानष्ट, हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ कर सकती हैं लेकिन बजरंग बाण का पाठ करना महिलाओं को वर्जित है.
हनुमान जंयती के दिन से कुछ महिलाएं 5 या 7 मंगलवार व्रत रखने का संकल्प लेती है. शास्त्रों के अनुसार हनुमान जी पूजा करने के लिए महिलाओं को व्रत नहीं रखना चाहिए, क्योंकि पीरियड्स के दौरान स्त्रियां बजरंगबली की पूजा नहीं कर सकती ऐसे में उनके व्रत में अवरोध आएगा.
स्त्रियां जी को कभी जनेऊ, सिंदूर और वस्त्र भी नहीं पहनाएं और न ही उन्हें चोला चढ़ाएं. ऐसा करने से हनुमान जी नाराज हो सकते हैं.
बजरंगबली ने महिलाओं को माता के समान माना है, इसलिए स्त्रियों को उनके चरणों में झुककर प्रणाम नहीं करना चाहिए.
महिलाओं को पीरियड्स के दौरान हनुमान जी की पूजा का प्रसाद ग्रहण नहीं करना चाहिए. इसके अलावा हनुमान जयंती और उसके एक दिन पहले शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए. ऐसा करने से पूजा का फल प्राप्त नहीं होता है.
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