Indian Railway: भारतीय रेलवे में कितने प्रकार की होती है पटरियां, किस तरह के ट्रैक का हुआ सबसे ज्यादा निर्माण? जानें यहां

Indian Railway: भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है. देश में हर दिन लाखों लोग रेलवे से सफर करते हैं, लेकिन इसके बावजूद बहुत से लोगों को रेलवे गेज के बारे में जानकारी नहीं होगी. उन्हें ये नहीं पता होगा की भारतीय रेलवे में कितने तरह की पटरियां होती हैं. बता दें कि भारतीय रेलवे में मुख्य चार तरह के गेज होते हैं. गेज रेलवे ट्रैक की दो पटरियों के बीच की दूरी को कहा जाता है. जो हैं ब्रॉड गेज, मीटर गेज, नैरो गेज और स्टैंडर्ड गेज. चलिए हम आपको इन चारों तरह के रेल गेज के बारे में बताते हैं. साथ ही इनके बीच के अंतर के बारे में भी आपको जानकारी देते हैं.

1/5

ब्रॉड गेज

ब्रॉड गेज को वाइड गेज या बड़ी लाइन के नाम से भी जाना जाता है. इस रेलवे गेज में दो पटरियों की बीच की दूरी 1,676 मिलीमीटर होती है. यानी पटरी 1,676 मिलीमीटर चौडी होती है. इस गेज का इस्तेमाल यात्रियों और लोडिंग के लिए किया जाता है. 

 

2/5

मीटर गेज

मीटर गेज की पटरी 1,000 मिलीमीटर चौड़ी होती है. वहीं, दो पटरियों की बीच की दूरी 1,000 मिलीमीटर होती है. इसे भारतीय मापन प्रणाली यानी MKS इकाइयों के लिए बनाया गया था. इस तरह के रेलवे गेज को बनाने का मुख्य उद्देश्य लगने वाली लागत को कम करना था. 

 

3/5

नैरो गेज

नैरो गेज की पटरी 762 मिलीमीटर या 610 मिलीमीटर चौड़ी होती है. रेलवे के छोटे गेज को ही नैरो गेज कहा जाता है. इसका उपयोग व्यक्तिगत परिवहन के लिए किया जाता है. इस तरह की छोटी लाइन को अब बड़ी लाइनों में बदला जा रहा है. 

4/5

स्टैंडर्ड गेज

स्टैंडर्ड गेज को मानक गेज भी कहा जाता है. इसकी पटरी 1,435 मिलीमीटर चौड़ी होती है. दुनिया के करीब 60% रेलवे ट्रैक इसी गेज का इस्तेमाल करते हैं. जिसमें दो पटरियों की बीच की दूरी 1,435 मिलीमीटर होती है. मेट्रो, मोनोरेल और ट्राम के लिए इसी प्रकार के रेलवे गेज का इस्तेमाल किया जाता है.

5/5

ब्रॉड गेज में तब्दील हो रही नैरो गेज

भारत में, मुख्य रूप से ब्रॉड गेज का ही इस्तेमाल किया जाता है. ज्यादातर मीटर और नैरो गेज रेलवे की पटरियों को ब्रॉड गेज में बदल दिया गया है. वहीं, बचे हुए मीटर और नैरो गेज रेलवे पटरियों को भी ब्रॉड गेज में तब्दील किया जा रहा है.

 

ZEENEWS TRENDING STORIES

By continuing to use the site, you agree to the use of cookies. You can find out more by Tapping this link