Yoga 2023: कुंडली में मौजूद ग्रह बनाते हैं योग जिसका पड़ता है आप पर असर, जानतें हैं ये कितने प्रकार के होते हैं?
ज्योतिष एक तरह का विज्ञान है जिसमें ग्रहों की दशाओं की गणना कर लोगों के वर्तमान, भूत और भविष्य के बारे में बताया जाता है.
Yoga 2023: ज्योतिष एक तरह का विज्ञान है जिसमें ग्रहों की दशाओं की गणना कर लोगों के वर्तमान, भूत और भविष्य के बारे में बताया जाता है. बता दें कि आपकी जन्म कुंडली के 12 खानों में स्थित ग्रहों की दूसरे ग्रह या दूसरे घर में स्थित ग्रहों के साथ जिस तरह का योग बनता है उससे ही आपकी पूरी जिंदगी की हर समस्या और आपके बेहतर जीवन की गणना की जाती है. ऐसे में आप जब किसी ज्योतिष के जानकार के पास जाते हैं तो वह आपकी कुंडली में ग्रहों की स्थिति उनकी पोजिशन और साथ ही उनकी दूसरे ग्रहों के साथ युति की गणना कर आपको बता देते हैं कि आपके साथ क्या हुआ, अभी वर्तमान में क्या हो रहा है और आने वाले समय में आपके साथ क्या होगा. ऐसे में ज्योतिष आपके ग्रहों की अशुभ दशा और शुभ दशा दोनों के लिए आपको कुछ सलाह देते हैं और आप उनपर काम कर अपने आप को बेहतर कंडीशन में लाते हैं.
ऐसे में आपको यह जानना जरूरी है कि आखिर हम जब सुनते हैं कि राजयोग है, अशुभ योग है. ये दो ग्रह एक साथ गोचर कर इस तरह के योग बना रहे हैं. इसका फायदा अमुख राशि के लोगों को होगा तो हमारे मन में ढेरों सवाल खड़े होते हैं कि आखिर सब के पीछे का विज्ञान क्या है. ये गणना आखिर किस तरह से की जाती है तो आइए हम आज आपको यह सब बताएंगे.
सबसे पहले यह की ज्योतिषशास्त्र के हिसाब से आखिर कितने तरह के योग होते हैं और उनमें से कितने योग का जीवन पर शुभ और कितने का अशुभ प्रभाव होता है. तो आपको बता दें कि ज्योतिष विज्ञान के अनुसार 300 के करीब योग बताए गए हैं. इसमें से ही कुछ योग अशुभ और कुछ योग शुभ हैं.
ऐसे में यह योग कुंडली के हर घर की गणना के हिसाब से की जाती है और इसके लिए लग्न कुंडली के साथ नवमांशा और चंद्र कुंडली की भी गणना की जाती है. क्योंकि तीनों में से किसी एक की गणना के बिना सबकुछ अधूरा और अपूर्ण परिणाम देने वाला होगा.
ऐसे में आपको बता दें कि किसी भी जातक की कुंडली में कोई भी योग तभी बनता है जब एक ग्रह किसी दूसरे ग्रह के भाव या राशि में गोचर करता है या प्रवेश करता है. ऐसे में इन ग्रहों के गोचर से जो युति बनती है उसके अनुसार ही ज्योतिषी बताते हैं कि इसका आप पर शुभ या अशुभ कैसा असर पड़ने वाला है. ऐसे में कुंडली में दो तरह के योग बनते हैं एक तो राजयोग और दूसरा दरिद्र योगा. ऐसे में इन योगों की संख्या 300 के करीब है. आपको बता दें कि इनमें से 32 तरह के राजयोग ऐसे हैं जो किसी जातक की कुंडली में बन जाएं तो वह जातक को संपत्ति-समृद्धि और सुख से भर देते हैं. इसके साथ ही 5 तरह के अशुभ योग ऐसे हैं जो अगर आपकी कुंडली में बन रहे हैं तो आप कितने भी मेहनती हों भाग्य का साथ आपको कभी भी नहीं मिलेगा ऐसे में आपको पूरा जीवन दरिद्रता की स्थिति में गुजारना पड़ेगा.