पटना: बिहार की राजनीति में बयानबाजी का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए राजद के दरवाजे बंद करने की बात पर जदयू के वरिष्ठ नेता और सांसद देवेश चंद्र ठाकुर ने पलटवार किया है. ठाकुर ने कहा कि जदयू का भी दरवाजा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के लिए बंद है. इस बयान से दोनों दलों के बीच तल्खियां और बढ़ गई हैं.


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देवेश चंद्र ठाकुर ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कई मुद्दों पर अपनी राय दी. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे पर कहा कि इसमें कोई राजनीतिक एंगल नहीं है. मुख्यमंत्री का दिल्ली आना-जाना सामान्य बात है. इसके अलावा बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षा रद्द होने के मामले पर उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले को गंभीरता से देख रही है. मुख्य सचिव ने खुद अभ्यर्थियों से मुलाकात की है और समाधान की दिशा में प्रयास जारी हैं.


इसके के साथ ही जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर द्वारा बीपीएससी अभ्यर्थियों की मांगें नहीं माने जाने पर दो जनवरी से धरना देने की चेतावनी पर ठाकुर ने कहा कि वे अपनी मर्जी से जो करना चाहें कर सकते हैं. सरकार अपने दायित्व निभा रही है और अभ्यर्थियों के हितों का ध्यान रखा जाएगा. इस बीच तेजस्वी यादव के नीतीश कुमार के लिए राजद और महागठबंधन के दरवाजे बंद करने के बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी. तेजस्वी ने स्पष्ट रूप से कहा कि मुख्यमंत्री के साथ सरकार चलाना 'अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारने' जैसा होगा. उन्होंने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह सरकार केवल नीतीश कुमार के नाम पर चल रही है, जबकि असल में रिटायर और थके हुए अफसर इसे चला रहे हैं.


जदयू सांसद देवेश चंद्र ठाकुर ने तेजस्वी के इस बयान का जवाब देते हुए कहा कि राजद को लेकर जदयू का रुख भी साफ है. जदयू के लिए भी राजद का दरवाजा हमेशा के लिए बंद है. बिहार में इन तीखे बयानों ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है. दोनों दलों के बीच दूरी बढ़ती नजर आ रही है, जो भविष्य में नए समीकरणों की ओर इशारा कर सकती है. अब देखना होगा कि यह बयानबाजी किस ओर रुख करती है और इसके राज्य की राजनीति पर क्या असर पड़ता है.


इनपुट- आईएएनएस


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