Bihar News: केंद्र द्वारा तय है 33 प्रतिशत गरीबी का आंकड़ा, बिहार में यह 34 फीसदी के आसपास
Bihar News: बिहार विधानसभा में जातीय जनगणना के आंकड़े पेश करने के साथ ही सदन के पटल पर सामाजिक-आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट भी सरकार के द्वारा रखी गई. संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सदन में जातीय गणना का प्रतिवेदन रखा. इस बीच विपक्ष के द्वारा लगातार सदन में हंगामा जारी रही.
पटना: Bihar News: बिहार विधानसभा में जातीय जनगणना के आंकड़े पेश करने के साथ ही सदन के पटल पर सामाजिक-आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट भी सरकार के द्वारा रखी गई. संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सदन में जातीय गणना का प्रतिवेदन रखा. इस बीच विपक्ष के द्वारा लगातार सदन में हंगामा जारी रही. इस मौके पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार सदन में मौजूद थे.
नीतीश कुमार ने कहा कि सबकी राय से यह हुआ है कि इस पर सभी संक्षिप्त राय रखें. वहीं स्पीकर की तरफ से कहा गया कि सभी दल के नेता इस पर 10-10 मिनट बोलेंगे. इस पर मुख्यमंत्री ने सलाह दी कि जिनकी जितनी संख्या है उसी अनुसार समय का आवंटन कर दें.
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इस पर भाजपा नेता नंदकिशोर यादव ने कहा कि सरकार उन्हें बोलने से रोकना क्यों चाहती है. वहीं इस रिपोर्ट पर सदन में बोलते हुए संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि 1931 की गणना के कुछ आंकड़े थे बाकी विश्वसनीय कोई आंकड़ा नहीं था. उन्होंने आगे कहा कि अब यह ऐसा दस्तावेज तैयार हो गया है जिसका सही आंकलन अभी नहीं कर पा रहे हैं लेकिन आनेवाले दिनों में इसकी अहमियत सामने आएगी. उन्होंने कहा कि हर संदर्भ में दस्तावेज के तौर पर यह प्रमाणिक आंकड़ा होगा और इसका उपयोग हो पाएगा. इसमें सबका सहयोग है लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौलिक सोच है.
विजय कुमार चौधरी ने आगे कहा कि इस रिपोर्ट में कुल 215 जातियों को शामिल किया गया है. किसी की संख्या बढ़ाना घटना ऐसा कोई मामला नहीं है. केंद्र द्वारा 33 प्रतिशत गरीबों की संख्या निर्धारित की गई है बिहार की तरफ से कराए गए सर्वे रिपोर्ट के आंकड़े में भी यह 34 फीसदी के आसपास है. नीति आयोग द्वारा अर्थशास्त्रियों के सहयोग से जो आंकड़ा केंद्र ने जुटाया है वही आंकड़ा इसमें भी आया है यानी इसकी प्रामाणिकता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता.
उन्होंने आगे कहा कि बिहार में साक्षरता में भी अच्छी प्रगति दर्ज की गई है. उसमें भी पुरुष से ज्यादा महिलाओं के लिए यह बढ़ियां है. साक्षरता दर पुरुष में 17.9 जबकि महिलाओं में यह 22.4 है जो जागरूकता दिखाता है. बिहार का स्थान देश में सबसे बेहतर है. लिंगानुपात में 2011 में 1000 पुरुष पर 918 महिला की संख्या थी जो बढ़कर 2023 में 1000 पुरुष पर 953 महिला की संख्या दर्ज की गई.
रजनीश