राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज की जांच करने पहुंचे मोहनिया एसडीएम, कॉलेज प्रबंधन को लगाई फटकार
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राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज की जांच करने पहुंचे मोहनिया एसडीएम, कॉलेज प्रबंधन को लगाई फटकार

Bihar News : प्रधानाचार्य को कुव्यवस्थाओं को दूर करने के लिए 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है. अगर नहीं हुआ सुधार तो कार्रवाई के लिए वरीय पदाधिकारी को सूचित करेंगे.

राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज की जांच करने पहुंचे मोहनिया एसडीएम, कॉलेज प्रबंधन को लगाई फटकार

पटना : राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज कैमूर में बीते दिनों कुव्यवस्था को लेकर छात्रों ने कॉलेज कैंपस में ही धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था. जिसके बाद मोहनिया पुलिस और मोहनिया बिडिओ घटना स्थल पहुंचकर उनकी मांगों पर तुरंत कार्रवाई करने की बात कह कर बच्चों को शांत कराया था, लेकिन मामला ने इतना तूल पकड़ा कि जिलाधिकारी पूरे मामले की जांच को लेकर एसडीएम मोहनिया को जब कॉलेज भेजा तो वहां की स्थिति देख एसडीएम हतप्रभ हो गए. ना तो साफ सफाई दिखा और ना बच्चों के पीने के लिए स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था दीखी.

बता दें कि एसडीएम जब प्रवेश किये तो चारों तरफ गंदगी दिखा और शौचालय भी साफ नहीं था. बच्चों के भोजन के गुणवत्ता का जांच किया तो पता चला कि मैन्यू टांगा ही नहीं है कि बच्चों को किस दिन भोजन में क्या देना है. प्रबंधन द्वारा जो मन में आता था वह भोजन बच्चों को कराया जाता था, जो भी बच्चे प्रबंधन के खिलाफ शिकायतकर्ता तो प्रबंधन उसका नाम काटने नंबर काम देने सहित कई प्रकार के धमकियां देकर उनकी आवाजों को दबा दिया करते थे. वहीं प्रधानाचार्य को कुव्यवस्थाओं को दूर करने के लिए 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है. अगर नहीं हुआ सुधार तो कार्रवाई के लिए वरीय पदाधिकारी को करेंगे सूचित.

जानकारी देते हुए मोहनिया एसडीएम राकेश कुमार सिंह ने बताया कि जब जांच में देखा गया तो देखा शौचालय की स्थिति बहुत खराब थी. मच्छर मक्खियों से बचाव के लेकर कुव्यवस्था नहीं दिखा, पेयजल का मोटर भी जला हुआ पाया गया, आरओ की भी कमी पाई गई. महिला छात्रावास में सफाई की स्थिति काफी लचर थी. मैं प्रचार्य को अवीलंब सारे कमियों को ठीक करने का निर्देश दिया गया है. मेडिकल व्यवस्था नहीं होने का जब बच्चों ने बताया तो प्रचार्य को निर्देश दिया गया कि प्रत्येक 15 दिन पर अनुमंडल अस्पताल मोहनिया के चिकित्सकों को बुलाकर बच्चों के स्वास्थ्य जांच कराया जाए. इन सभी के लिए 15 दोनों का समय उनको दिया गया है, 15 दिनों में अगर सुधार नहीं हुआ तो वरीय पदाधिकारी को सूचित किया जाएगा. पूरे मामले की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी कराई गई है.

इनपुट- मुकुल जायसवाल

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