NEET पेपर लीक मामले में प्रशांत किशोर ने कही ये बड़ी बात, जानें पूरा मामला
Bihar News: प्रशांत किशोर ने एक आम सभा को संबोधित करते हुए लोगों से अपील की कि वे आधा पेट खाकर भी अपने बच्चों को पढ़ाएं. उन्होंने कहा कि पढ़ाई ही वह हथियार है जिससे जीवन सुधर सकता है.
NEET Paper Leak News: नीट पेपर लीक मामले में जन सुराज के सूत्रधार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. 22 जून को प्रशांत किशोर ने एक बयान जारी कर नीट परीक्षा में हुई धांधली और बिहार तथा बिहार से जुड़े लोगों पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि जिस दिन बिहार में 10 हजार की भीड़ स्कूल के सामने खड़ी होगी, उस दिन बिहार का बच्चा कलेक्टर बनेगा.
प्रशांत किशोर ने एक आम सभा को संबोधित करते हुए लोगों से अपील की कि वे आधा पेट खाकर भी अपने बच्चों को पढ़ाएं. उन्होंने कहा कि पढ़ाई ही वह हथियार है जिससे जीवन सुधर सकता है. किसी नेता से यह उम्मीद मत कीजिए कि वह आपको यह बात बताएगा. अगर आपके चार बच्चे हैं और आप बहुत गरीब हैं, तो कम से कम एक बच्चे को तो पढ़ाएं. उन्होंने जोर देकर कहा कि चाहे आधा खाना खाएं या मजदूरी करें, लेकिन बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान दें. पढ़ाई से ही जीवन सुधरेगा और अगर एक भी बच्चा पढ़-लिखकर सफल हो गया, तो वह पूरे परिवार को गरीबी से निकाल सकता है. उन्होंने चेताया कि अगर बच्चों को नहीं पढ़ाया, तो वे जीवन भर खिचड़ी खाएंगे. मजदूरी करेंगे और नाली-गली के लिए पांच किलो अनाज के लिए नेताओं के सामने भीख मांगनी पड़ेगी.
सभा में प्रशांत किशोर ने कहा कि लोग ऑर्केस्ट्रा और नाच देखने के लिए हजारों की संख्या में इकट्ठा हो जाते हैं, लेकिन कोई यह देखने नहीं जाता कि उसका बच्चा स्कूल में क्या कर रहा है. उन्होंने कहा कि लोगों के पास नाच देखने का समय है, भारत-पाकिस्तान और पुलवामा की घटनाओं को समझने का समय है. हिंदू-मुसलमान के मुद्दों पर बात करने का समय है, लेकिन अपने बच्चों की शिक्षा और भविष्य की चिंता नहीं है.
प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि अगर लोग अपने बच्चों की शिक्षा पर ध्यान देंगे, तो ही उनका भविष्य सुधरेगा. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपनी प्राथमिकताओं को समझें और अपने बच्चों की शिक्षा को सबसे ऊपर रखें. इस प्रकार बिहार के लोग गरीबी से बाहर निकल सकते हैं और समाज में एक बेहतर स्थान बना सकते हैं. प्रशांत किशोर के इस बयान ने नीट पेपर लीक मामले में लोगों को जागरूक करने की कोशिश की है और बच्चों की शिक्षा पर ध्यान देने की महत्वपूर्णता को रेखांकित किया है. उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया कि शिक्षा ही वह साधन है जिससे समाज और परिवार की स्थिति सुधर सकती है.
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