बाबा बागेश्वर चले गए तो पटना में दुर्गा मंदिर पर शुरू हो गई राजनीति, स्थानीय लोग धरने पर तो नेताओं के बीच जुबानी जंग
Bihar News: बिहार में अप्रैल से लेकर मई तक बाबा बागेश्वर को लेकर राजनीति होती रही. किसी ने गिरफ्तार करवाने की बात कही तो किसी ने घेराव करने का दावा कियसा. दूसरी तरफ से भी चुनौती दी गई कि हिम्मत हो तो करके दिखाओ. बातों की चैहद्दी खींची जाती रही पर हुआ कुछ नहीं.
पटना:Bihar News: बिहार में अप्रैल से लेकर मई तक बाबा बागेश्वर को लेकर राजनीति होती रही. किसी ने गिरफ्तार करवाने की बात कही तो किसी ने घेराव करने का दावा कियसा. दूसरी तरफ से भी चुनौती दी गई कि हिम्मत हो तो करके दिखाओ. बातों की चैहद्दी खींची जाती रही पर हुआ कुछ नहीं. बाबा आए, सफलतापूर्वक कार्यक्रम किया और चले भी गए. उसके बाद भी उन पर राजनीति हो रही है. अब पटना में दुर्गा मंदिर पर राजनीति आकर टिक गई है. 300 साल पुराने दुर्गा मंदिर को लेकर अब महागठबंधन और बीजेपी एक बार फिर आमने-सामने हैं. मामला यह है कि पटना के अशोक राजपथ पर पटना कॉलेज के सामने डबल डेकर पुल बनाया जा रहा है और उसी को लेकर पटना कॉलेज के सामने स्थित दुर्गा मंदिर को तोड़ने का आदेश जारी किया गया है. अब स्थानीय लोगों ने मंदिर बचाने के लिए धरना देना शुरू कर दिया है. दुर्गा मंदिर के संरक्षक अभय सिंह भी अनशन पर हैं. महागठबंधन जहां मंदिर तोड़ने के पक्ष में है तो बीजेपी उनके साथ खड़ी है, जो लोग मंदिर मचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
मंदिर समर्थकों का कहना है कि हम जान दे देंगे पर मंदिर नहीं टूटने देंगे. हमारी आस्था के साथ बिहार सरकार खिलवाड़ कर रही है. लोगों ने यह भी कहा कि एक खास समुदाय को खुश करने के लिए मंदिर तोड़ा जा रहा है. यही पर खुदाबख्श लाइब्रेरी है और अंजुमन इस्लामियां हॉल चर्च है, उन्हें क्यों नहीं तोड़ा जा रहा है. पुल बनाने में केवल दुर्गा मंदिर ही बाधा बन रहा है.
धरना दे रहे लोगों का कहना है कि पटना में कॉलेज में नीतीश कुमार और लालू यादव भी पढ़े हैं. वे बतौर छात्रनेता यहां आशीर्वाद लेने आते थे. अब वे इसी मंदिर को तोड़ने पर आमादा हैं. हम विकास का विरोध नहीं कर रहे हैं पर मंदिर नहीं टूटने देंगे. दुर्गा मंदिर के संरक्षक अभय सिंह ने कहा, अंग्रेज भी इस मंदिर को हटाना चाहते पर यहां के लोगों की आस्था के चलते अभी तक दुर्गा मंदिर का अस्तित्व कायम है. पटना कॉलेज के छात्रों का तो यहां तक कहना है कि अगर मंदिर टूटा तो सड़कों पर खून बहेगा.
जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, सरकार अपने हिसाब से काम कर रही है और मंदिर को कही और बनवा दिया जाएगा. मंदिर सरकारी जमीन पर है और वहां पुल बन रहा है. बिहार में एनडीए सरकार के दौरान बीजेपी कोटे के मंत्री नितिन नवीन ने पथ निर्माण मंत्री रहने के दौरान मंदिर तोड़ने का आदेश पारित किया था. अब जब बीजेपी सत्ता में नहीं है तो राजनीति कर रही है.
उधर, बीजेपी विधायक नितिन नवीन ने कहा, जनता जानती है कि मंदिर तोड़ने और मस्जिदें बनवाने वाले कौन लोग हैं. महागठबंधन की संस्कृति इसी पर आधारित है. उन्होंने कहा कि विकास के नाम पर महागठबंधन की सरकार दुर्गा मंदिर तोड़ रही है. हमने मंदिर को किसी और जगह बनवाने का आदेश दिया था. इसी रोड पर पुल बनाने के नाम पर राधा कृष्ण मंदिर को भी तोड़ा जाना है. हमने इसका विरोध किया है. नवीन ने कहा, बिहार में जहां कही भी सड़कों पर मजार है, वहां पुल बनाने का काम नहीं हो पा रहा है. मंदिर के मामले पर हम स्थानीय लोगों के साथ हैं.
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