पटनाः बिहार में भाजपा और जदयू की राहें अलग होने के बाद से दोनों ही दल एक-दूसरे के धुर विरोधी हो चले हैं. आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. ऐसे में एक बार फिर सुशील मोदी और ललन सिंह का वाकयुद्ध सामने आया है. ललन सिंह ने सुशील मोदी से उनकी हैसियत पूछी है. ललन सिंह ने कहा कि 2015 के वक्त सुशील मोदी से बिहार का कोई नेता बात नहीं करता था. उस वक्त बीजेपी के एक नेता ने कहा कि इन को पुनर्स्थापित करना है. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने सुशील मोदी के बयान पर जवाब देते हुए कहा कि हमारी हैसियत छोड़ दीजिए. हमारी हैसियत मेरे पार्टी के लोग जानते हैं, सुशील मोदी अपनी हैसियत बताएं कि पार्टी में उनकी क्या हैसियत थी. एक बीजेपी के बड़े नेता ने बताया कि बिहार के बीजेपी के कार्यकर्ता और नेता सुशील मोदी से एक वक्त बात नहीं करना चाहते थे. यह बात 2015 की है.


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विरोध बर्दाश्त नहीं कर पातेः ललन सिंह
ललन सिंह ने कहा कि सुशील मोदी घूम फिर के सीबीआई पर जाते हैं. सीबीआई तो उनका तोता बना हुआ है और जहां तक सीबीआई की बात है तो लालू यादव को भी पता था कि मैं पेटीशनर हूं उस मामले में, लेकिन इसके बाद भी लालू यादव का यह बड़प्पन है कि उन्होंने आज तक विरोध नहीं किया. अपने विरोधियों का सबसे प्यार और सम्मान से बात करते आए हैं लेकिन यह लोग अपने विरोधियों को बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं.


आईआरसीटीसी के मामले की जहां तक बात है तो सुशील मोदी झूठ बोल रहे हैं. इस मामले में इस मामले को पहले ही खत्म कर देना था, लेकिन 2017 में फिर से उठाया गया और अब 2022 में दोबारा चार्जशीट लगाया गया है तेजस्वी यादव के खिलाफ में यह तो जानबूझकर किया गया है इस मामले में मैं कहीं नहीं हूं. पूर्णिया किशनगंज के सवाल पर सुशील मोदी ने कोई जवाब नहीं दिया है. इस पर ललन सिंह ने कहा कि इनके पास जवाब ही नहीं है तो यह कहां से देंगे लेकिन यह राजनैतिक लोग है इनको सीना ठोक के कबूल करना चाहिए कि इनके गृह मंत्री जुमलेबाज है. यह बोलने में इनको क्या हिचक है कि वहां एयरपोर्ट बनाने और ताली बजा रहे हैं हमेशा अगर यह जुमलेबाजी है तो सुशील मोदी खुलकर यह मानें कि यह जुमलेबाजी है.


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