Rahu Transit 2023: राहु के गोचर का महत्व ज्योतिष में होता है, लेकिन यह भावित ग्रह जो हमेशा उल्टी दिशा में चलता है. 30 अक्टूबर 2023 को मीन राशि में प्रवेश करेगा, साथ ही केतु कन्या राशि में जाएगा. इसके पूर्व राहु मेष राशि में था और केतु तुला राशि में था.


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राहु और केतु को छाया ग्रह कहा जाता है और यह दोनों हमारी कुंडली में अलग-अलग प्रकार के दोषों का कारण बनते हैं. जैसे कालसर्प दोष, पितृ दोष, गुरु चांडाल योग और अंगारक योग। इन दोनों ग्रहों को पापी ग्रह भी कहा जाता है. राहु-केतु के गोचर के समय प्राकृतिक आपदाओं की संभावना बढ़ जाती है और गर्मी का प्रकोप तथा वर्षा की कमी के आलेपन की संभावना होती है. राजनीति में भी तनाव बढ़ सकता है और राजनीतिक क्षेत्र में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है. यह गोचर रोगों की बढ़ती संख्या के साथ आता है, और लोगों को त्वचा संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.


राहु-केतु के इस गोचर के कारण आने वाले समय में गेहूं और अन्य अनाजों की कीमतें बढ़ सकती हैं और कुछ देशों में अन्न की कमी से कानून-व्यवस्था की स्थिति में संकट पैदा हो सकता है. स्टॉक मार्केट में उथल-पुथल भी देखी जा सकती है. बड़े नेताओं के संदर्भ में अप्रिय घटनाएं भी हो सकती हैं और कुछ बड़ी प्राकृतिक आपदाएं भी जैसे कि बाढ़ और भूस्खलन से जन धन को हानि हो सकती है.


इस तरह राहु-केतु के गोचर का देश और दुनिया पर असर हो सकता है और यह हमारे जीवन में भी प्रभाव डाल सकता है. इसके बावजूद हमें सकारात्मक दिनचर्या और अच्छे कर्मों का पालन करना चाहिए, जो हमारे जीवन को सुखमय और समृद्धि से भर सकता है.


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