पटना/नई दिल्ली: Bihar News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े एक महिला संगठन ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए महिलाओं की शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा की गई टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा कि उनकी लैंगिक आधार पर भेदभाव करने वाली सोच देश के लिए 'खतरनाक' है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


नीतीश कुमार ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए महिलाओं की शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए मंगलवार को राज्य विधानसभा में इसका एक विवरण रखा था कि एक शिक्षित महिला अपने पति को संभोग के दौरान कैसे रोक सकती है. संवर्धिनी न्यास ने एक बयान में कहा कि उसने बिहार के राज्यपाल, प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र भेजकर इस मुद्दे को उजागर किया है और टिप्पणी की निंदा की है. 


ये भी पढ़ें- Bihar News: बिहार में 'लड्डू' वाला घमासान, राजद और भाजपा विधायक भिड़े


मुख्यमंत्री नीतीश ने अपनी टिप्पणी के लिए बुधवार को माफी मांगी थी. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी संस्था ने कहा कि उनके जैसे नेता महिलाओं को "हीन रचना" मानते हैं और वह भी ऐसे देश में ‘‘जहां 80 प्रतिशत से अधिक लोग देवी की पूजा करते हैं.’’ 


ये भी पढ़ें- बिहार से बाहर कितने बिहारी और कितने विदेशों मे, सर्वे रिपोर्ट से हुआ खुलासा


उसने कहा, ‘‘यह उनकी लैंगिक आधार पर भेदभाव करने वाली, नारी विरोधी और पुरुषवादी सोच को दर्शाता है जो भारत जैसे देश के किसी भी राज्य के लिए खतरनाक है...मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देश की महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अशिष्ट भाषा का इस्तेमाल करके पूरे लोकतंत्र को शर्मसार किया है." संगठन ने कहा कि उनके भाषण का हर शब्द महिलाओं का अपमान है और जिस तरह से उन्होंने अपनी संकीर्ण सोच को राज्य विधानसभा में रखा है, वह बहुत ही निंदनीय और शर्मनाक है. उसने कहा, ‘‘यह भारत की हर बेटी और बहन का अपमान है.’’ 
(इनपुट-भाषा)