Patna: कोरोना महामारी जैसे संकट के बीच बिहार में लोग विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे हैं. लोगों के सामने मरीजों के इलाज, स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ रोजी रोटी का संकट भी खड़ा हो गया है. इन हालातों के बीच बिहार की जनता अपने-अपने जनप्रतिनिधियों से मदद की उम्मीद लगाए बैठी है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

चुनाव के समय सभी पार्टियों के नेता अपने चुनावी क्षेत्रों में नजर आते हैं. लेकिन चुनाव खत्म होने के साथ ही वह भी गायब हो जाते हैं. जिन्हें क्षेत्रों की जनता खोजती रहती है. 


बिहार के राघोपुर प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों ऐसा ही एक नजारा देखने को मिल रहा है. यहां गली-मोहल्ले में विधायकों और आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के लापता होने के पोस्टर लगे हुए हैं. इतना ही नहीं बल्कि इसके अलावा हाजीपुर से सांसद और दिवंगत पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपति कुमार पारस के भी लापता होने के पोस्टर दीवारों पर नजर आने लगे हैं.


पोस्टरों में लिखा गया है कि जो भी इन लोगों को ढूंढ कर लाएगा उसे 51 हजार का इनाम दिया जाएगा. कहने को तो यह पोस्टर वैशाली जिले में लगे हैं, लेकिन इनके चलते राजनीति अब पटना में हो रही है.


ये भी पढ़ें- चिदंबरम ने DMCH को लेकर CM नीतीश से पूछा सवाल-कभी दरभंगा गए हैं?, तो संजय झा ने दिया ये जवाब 


दरअसल, तेजस्वी यादव और हाजीपुर के सांसद पशुपति पारस के लापता होने के पोस्टर हाजीपुर में लगाए जाने को लेकर जेडीयू प्रवक्ता सुहैली मेहता ने कहा है कि 'यह दोनों नेता जनता के बनाए हुए नहीं हैं. एक पिता के आशीर्वाद पर और एक भाई के आशीर्वाद पर नेता बना है. एक जाति के आधार पर चुनाव जीते हैं, तो दूसरे मोदी जी के नाम पर. ये लोग चुनाव के समय एक्टिव होते हैं और जनता को वोट लेने के लिए ठगते हैं और उसके बाद लापता हो जाते हैं. कब किस की क्या जरूरत है, जनता किस मुसीबत में फंसी है, इससे इन लोगों का कोई लेना देना नहीं है.'
   
वहीं, बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि 'नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को उनके क्षेत्र की जनता खोज रही है कि हमारे लापता विधायक कहां हैं. तेजस्वी यादव केवल एक पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के पुत्र के रूप में ही अपनी पहचान बना पाए हैं ना कि बिहार के प्रतिपक्ष के नेता के रूप में.' उन्होंने आगे कहा कि 'अपने क्षेत्र की जनता का स्वागत कीजिए जिसने आपको अपना जनप्रतिनिधि चुना है. आप बिहार की सुधि नहीं ले रहे हैं तो कम से कम अपने क्षेत्र की जनता की तो सुधि लीजिए.'


इधर, RJD के पूर्व विधायक विजय प्रकाश ने लापता वाले पोस्टर को लेकर कहा कि 'सत्ता में बैठे लोग हो या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, किसी ने भी बिहार में या पटना के किसी भी अस्पताल में घूमने का काम नहीं किया. बल्कि खुद अपने आवास पर आइसोलेशन वार्ड में बैठे हुए हैं. प्रतिपक्ष के नेता पर पोस्टर बाजी कर आलाप रखने का काम किया जा रहा है या सरकार और मुख्यमंत्री अपनी नाकामी को छिपाने के लिए ऐसा कर रहे हैं? तेजस्वी यादव शेर की तरह विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं, सत्ता पक्ष के निकम्मे पन को जनता को दिखाने का काम कर रहे हैं.'