पटनाः September Vrat And Tyohar: अगस्त माह का समापन हो गया. अब आज से सितंबर लग रहा है. सितंबर माह में हिंदी महीने के भादों और क्वार माह पड़ रहे हैं. सितंबर की शुरुआत ही व्रत त्योहार से हो रही है. महीने का पहला व्रत 1 तारीख को ही है. इसके अलावा इस माह में कई और महत्वपूर्ण व्रत त्योहार है. सितंबर में शारदीय नवरात्रि, अनंत चतुर्थी और पितृपक्ष जैसे प्रमुख व्रत त्योहार हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार, फिलहाल, भाद्र मास चल रहा है जिसका समापन 10 सितंबर को होगा.इसके बाद अश्विन मास की शुरुआत होगी. तो आइए जानते हैं सितंबर में आने वाले सभी प्रमुख व्रत त्योहार और उनका महत्व.


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1सितंबर –ऋषि पंचमी व्रत
2 सितंबर – सूर्य षष्ठी, दुबड़ी सातम, संतान सप्तमी
4 सितंबर – श्री राधाष्टमी, स्वामी हरिदास जयंती
5 सितंबर – शिक्षक दिवस, श्री रामदेव जी का मेला
6 सितम्बर   परिवर्तनी एकादशी
8 सितम्बर  प्रदोष व्रत (शुक्ल )
9 सितम्बर अनंत चतुर्दशी
10 सितम्बर भाद्रपद पूर्णिमा व्रत  श्राद्ध प्रारम्भ
13 सितम्बर संकष्टी चतुर्थी
17 सितम्बर कन्या संक्रांति  जीवित पुत्रिका व्रत, अशोकाष्टमी
21 सितम्बर इंदिरा एकादशी
23 सितम्बर प्रदोष व्रत (कृष्ण)
24 सितम्बर मासिक शिव रात्रि
25 सितम्बर अश्विन अमावस्या  श्राद्ध समाप्त
26 सितम्बर शरद नवरात्रि महाराजा अग्रसेन जयंती


ऋषि पंचमीः हिंदू धर्म में ऋषि पंचमी सप्त ऋषियों को समर्पित है. यह व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को किया जाता है. इस दिन सप्तऋषियों की विशेष पूजा की जाती है. इस दिन गंगा स्नान करने के साथ ही दान देने का भी विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से पाप कर्मों से मुक्ति पाई जा सकती है.


राधा अष्टमीः भाद्रपद शुक्ल अष्टमी के दिन महालक्ष्मी व्रत भी कहते हैं. यह व्रत 16 दिनों तक चलता है. इसकी शुरुआत 3 सितंबर से होगी और समापन 17 सितंबर को होगा. इस व्रत को करने से व्यक्ति को धन धान्य की कमी नहीं होती है. साथ ही महिलाएं इस व्रत को अपने बच्चों और पति की लंबी आयु के लिए भी रख सकती है.


अनंत चतुर्दशीः अनंत चतुर्दशी का व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को रखा जाता है. इस बार यह व्रत 9 सितंबर 2022 को है. इस व्रत को करने से व्यक्ति को मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है. 


जितीया व्रतः जीवित्पुत्रिका का व्रत आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को किया जाता है. इसे जितिया व्रत के नाम से भी जाना जाता है. इस बार यह व्रत 18 सितंबर को किया जाता है. इस व्रत को माताएं अपने बच्चों की लंबी आयु के लिए रखती हैं. इस व्रत में सूर्यनारायण की पूजा उपासना की जाती है. यह खास तौर पर बिहार में मनाया जाता है.


श्राद्ध और तर्पण
पितृ पक्ष का समापन अमावस्या तिथि को किया जाता है दो इस बार 25 सितंबर को है. इस दिन जो श्राद्ध किया जाता है उसे महालया सर्वपितृ श्राद्ध कहा जाता है. पितृ पक्ष में महालय अमावस्या को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन अपने पूर्वजों और पितरों को खुशी पूर्वक विदा किया जाता है.


शारदीय नवरात्र आरंभ
शारदीय नवरात्रि का इंतजार मां दुर्गा का भक्त बेसब्री से करते हैं. इस साल शारदीय नवरात्रि के व्रत की शुरुआत 26 सितंबर से होगी और 5 अक्टूबर को इसका समापन किया जाएगा. शारदीय नवरात्रि की शुरुआत शुक्ल पक्ष से शुरू होती है और नवमी तिथि के दिन कन्या पूजन के साथ इनका समापन किया जाता है.


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