पटनाः Shanivar Vrat Puja Vidhi:सनातन परंपरा में शनिवार का शनिदेव का बताया गया है. इस दिन विधिवत रूप से भगवान शनि की पूजा की जाती है. शनिदेव को न्याय का देवता कहा गया है. साथ ही इन्हें कर्मों के आधार पर मनुष्यों को दंड देने का अधिकार प्राप्त है. शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार के दिन व्रत करना सबसे लाभदायक माना गया है. मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त शनिवार के दिन भगवान शनि देव की पूजा करता है उसके जीवन में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है तथा वह हर एक प्रकार के कष्टों से दूर रहता है. जिस व्यक्ति के ऊपर शनि की महादशा होती है उसे भी इससे मुक्ति पाने के लिए शनिवार का व्रत करना चाहिए. यहां जानें शनिवार के व्रत के लिए पूजा विधि, आरती, महत्व और कथा.


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इस तरह करें शनिवार की पूजा
शनिवार का व्रत रखने वाले लोगों को सुबह जल्दी उठकर नित्यकर्म और स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए. संकल्प लेने के बाद घर में शनिदेव की प्रतिमा स्थापित कीजिए. अगर लोहे की प्रतिमा हो तो यह उत्तम माना जाता है. प्रतिमा स्थापित करने के बाद भगवान शनि को पंचामृत से स्नान करवाएं और चावलों से बनाए 24 दल के कमल पर इस मूर्ति को स्थापित करें. इसके बाद शनिदेव को काला वस्त्र, फूल, काला तिल, धूप आदि अर्पित करें फिर तेल का दीपक जलाकर उनकी पूजा करें. अंत में कथा का पाठ करके आरती करें. 


शनिदेव देते हैं है जीवन में समृद्धि
सनातन परंपरा में मान्यता है कि जो भक्त शनिवार का व्रत रखते हैं उन्हें शनि ग्रह के दोष से मुक्ति मिलती है. शनिवार का व्रत रखने से जीवन में आने वाले प्रकोप से बचा जा सकता है. ऐसा कहा जाता है कि साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति पाने के लिए भी शनिवार का व्रत रखना चाहिए. शनिवार का व्रत रखने से नौकरी और व्यापार में भी सफलता मिलती है और जीवन में हमेशा सुख-समृद्धि और मान-सम्मान बना रहता है.


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