पटनाः Dhanteras Shree Yantra Puja: धनतेरस के साथ दीपावली के पांच दिनों वाले पर्व की शुरुआत हो जाएगी. धनतेरस के मौके पर धातुओं की खरीदारी का महत्व है. इसके साथ ही अगर आप दीवाली के मौके पर श्रीयंत्र खरीद रहे हैं तो समझिए कि आप सुख, सौभाग्य और संपदा को घर लेकर आ रहे हैं. धनतेरस के मौके पर श्रीयंत्र खरीदें और दिवाली के दिन इसकी स्थापना करें तो यह महालाभदायक होता है. श्री यंत्र को घर के पूजा गृह, तिजोरी में रख कर नियमित रूप से धूप, दीप आदि से पूजा करनी चाहिए. ऐसा करने से मनुष्य को धन-धान्य और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है. श्री यंत्र को यंत्रों का राजा भी कहा जाता है. विशेष रूप से नवरात्रि और धनतेरस के दिन श्री यंत्र की पूजा करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा मिलती है. शास्त्रों में श्री यंत्र को तीनों लोको का प्रतीक माना गया है. इसलिए इसे त्रिपुर यंत्र भी कहते हैं.


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श्रीयंत्र का महत्व
धर्म पुराणों में श्री यंत्र की रचना के बारे में बताया गया है. श्री यंत्र मनुष्य को  धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष प्रदान करता है. श्री यंत्र की कृपा से मनुष्य को अष्ट सिद्धि और नौ निधियों की कृपा मिलती है. श्री यंत्र की श्रद्धा पूर्वक पूजा अर्चना करने से मनुष्य को 10 महाविद्याओं की कृपा भी मिलती है. श्री यंत्र को सोने-चांदी, स्फटिक, भोजपत्र आदि से बनाया जाता है. नियमित रूप से श्री सूक्त का एक पाठ करना चाहिए. ऐसा करने से सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है और जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होती है.


श्रीयंत्र की स्थापना करने की विधि 
श्रीयंत्र की विधि पूर्वक गणेश पूजन,  कलश पूजन,  इष्ट देव पूजन करके विनियोग,  ऋष्यादिन्यास,  करण्यास हृदयदिषंग न्यास दिग बंधन ध्यान और संपुटित श्री सूक्त का पाठ करने के बाद दशमांश,  हवन,  कन्या भोज,  ब्राह्मण भोज करके श्री यंत्र को मंदिर या तिजोरी में रखना चाहिए. इसी तरह मां लक्ष्मी के अष्टोत्तर शतनाम सहस्त्रनाम स्रोत का पाठ भी इच्छानुसार करना चाहिए. दीपावली की रात को श्री यंत्र के पूजन का खास नियम है. दीपावली की रात सपुंटित श्री सूक्त का 1008 बार पाठ करके श्री यंत्र की शुद्धि की जाती है. 


ओम श्रीम ह्रींग श्री कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्री ह्रींग श्री ओम महालक्ष्मी नमः, मंत्र का सम्पुट लगाकर श्री सूक्त का पाठ करना चाहिए. श्री यंत्र की सिद्धि किसी उत्तम विद्वान की देखरेख में करनी चाहिए. श्री यंत्र की सिद्धि के और भी मंत्र और विधियां है. श्री यंत्र की पूजा करने से धन प्रतिष्ठा सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है और सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है.


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