पटनाः Sudhakar Singh Attack on CM Nitish: बिहार सरकार के पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह लगातार अपनी सभा में नीतीश सरकार पर हमलावर हैं. नीतीश सरकार के साथ-साथ वह अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान पर भी हमला करने से नहीं चूके. सुधाकर सिंह ने कहा कि राज्य के जितने भी मंत्री हैं वह मुख्यमंत्री के नजर में चपरासी हैं यानी रबड़ स्टांप हैं. सारा देखरेख मुख्यमंत्री ही करते हैं बाकी लोग नाम के ही मंत्री बने हैं. जब भी प्रधान सचिव फाइल लाता है तो फाइल पर चुपचाप मंत्री जी को दस्तखत यह सोचकर कर देना होता है कि कहीं हमारा मास्टर गुस्सा ना हो जाए. 


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कैमूर पहुंचे थे मंत्री सुधाकर सिंह
उन्होंने कहा कि कुछ लोग को प्रधानमंत्री बनने की बेचैनी है, जैसे लगता है कि स्वर्ग जाने का सीधा रास्ता प्रधानमंत्री के कुर्सी से होकर ही जाता है. पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह कैमूर जिले के चैनपुर प्रखंड के हाटा में खरवार आदिवासी समाज के अभिनंदन समारोह में रविवार को पहुंचे हुए थे. जहां मंच से बोलते हुए उन्होंने नीतीश सरकार पर हमला तो किया ही साथ में चैनपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान पर भी तंज कसा कि 2 साल से मंत्री रहते हुए भी यहां के लोगों का विकास नहीं करा पाए. 


मंत्री जमा खान पर भी बोला हमला
बिहार सरकार के पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह मंच से सरकार पर हमला बोलते हुए कहा यह 17 सालों से चल रही वही पुरानी सरकार है, लेकिन अंतर इतना ही है कि उसमें हम नए लोग जुड़ गए हैं. हम नए लोगों की कितनी बात सुनी जा रही है यह तो आप लोग देख ही रहे हैं. जब हम विधायक नहीं थे तब भी आपकी बात यहां से लेकर पटना तक उठाएं. जब विधायक और मंत्री बने तब भी आपकी बातों को विधानसभा के भीतर भी हमने किया है. सरकार नई बनी जरूर है जिसमें हम लोगों को आए हुए सिर्फ 2 महीने ही हो रहे हैं. जमा खान पर बोलते हुए कहा कि इस इलाके के नुमाइंदा 2 साल से मंत्री हैं .यह पुरानी सरकार के नुमाइंदा हैं जो आपके माननीय विधायक जी हैं. लेकिन मैं फिर भी अब मंत्री नहीं हूं . जिस विभाग से आपका काम होना है उसके मंत्री हैं मुख्यमंत्री, कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग. 


कुछ लोगों को पीएम बनने की बेचैनी
इस विभाग को राज्य के मुख्यमंत्री सीधे देखते हैं. लेकिन लोगों की उन तक पहुंच भी आसान नहीं है. लेकिन आजकल के मंत्री तो चपरासी होते हैं. कहने को तो कागज में मंत्री हैं, लेकिन सरकार की नजर में चपरासी हैं यानी रबर स्टांप. उधर सचिव फाइल ला देता है और दस्तखत मंत्री कर देता है चट से की कहीं मेरा मास्टर नाराज हो जाएगा अगर फाइल पर दस्तखत नहीं कर देते. वह इतने पर ही नहीं रुके उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को प्रधानमंत्री बनने की बेचैनी है. जैसे लग रहा कि प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे तो स्वर्ग नहीं जा पाएंगे. कहा जाता है कि स्वर्ग जाने के बहुत सारे रास्ते हैं, तो कुछ लोगों को लगता है की स्वर्ग जाने का रास्ता प्रधानमंत्री के पद से होकर सीधी जाता है इसलिए चाहते हैं कि प्रधानमंत्री बना दो. की स्वर्ग में भी जगह मिल जाए.


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