पटना: एक तरफ बिहार में विपक्षी एकता को लेकर भाजपा के खिलाफ तमाम सियासी दल मोर्चाबंदी कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ बिहार के इन सत्ताधारी गठबंधन दलों पर भाजपा की तरफ से जोरदार हमला बोला जा रहा है. ऐसे में भाजपा के राज्यसभा सांसद और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इंदिरा के लगाए आपातकाल के 48 वर्ष हो जाने को लेकर कहा कि जिस बिहार से इस आपातकाल के विरोध की लहर उठी थी उसी प्रदेश में आज आपातकाल जैसी स्थिति है. देश पर इमरजेंसी थोपने वालों की गोद में लालू-नीतीश दोनों बैठ गए हैं. 


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बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि आज से 48 वर्ष पूर्व जिस कांग्रेस ने अपनी सत्ता बचाने के लिए देश में आपातकाल घोषित कर जेपी, चरण सिंह, अटल जी जैसे नेताओं और 1 लाख से ज्यादा राजनीतिक कार्यकर्ताओं को जेल में अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया, प्रेस सेंसरशिप लगाकर मीडिया का गला घोंट दिया उसी कांग्रेस की गोद में आज आंदोलन के तथाकथित सिपाही लालू प्रसाद, नीतीश कुमार जाकर बैठ गए हैं.


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मोदी ने कहा कि आज लालू-नीतीश सरकार ने बिहार में आपातकाल जैसी स्थिति पैदा कर दी है. विपक्षी एकता सम्मेलन के दौरान भाजपा के 100 से ज्यादा होर्डिंग को हटा दिया गया. विज्ञापन कंपनी को धमकी देकर जो बड़े होर्डिंग लगाए गए थे उन्हें भी उतरवा दिया गया.


मोदी ने कहा कि बिहार में अखबारों को धमकी दी जा रही है कि अगर विपक्ष के समाचार प्रमुखता से छपे या अखबारों में सरकार की आलोचना हुई तो उनका विज्ञापन बंद कर दिए जायेंगे. परिणामतः विपक्ष के समाचारों के पर कतर कर दो कॉलम में छाप दिए जाते हैं. मोदी ने कहा कि बंगाल के पंचायत चुनाव में नामांकन के दौरान अभी तक एक दर्जन भाजपा, कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की तृणमूल द्वारा हत्या कर दी गई. कांग्रेस नेता अधीर रंजन को धरने पर बैठना पड़ा और केंद्रीय बलों की प्रतिनियुक्ति पर हाईकोर्ट जाना पड़ा. परंतु विपक्षी एकता में शामिल दल के किसी नेता ने अभी तक बंगाल की हिंसा की निंदा तक नहीं की है.


सुशील मोदी ने कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता वाली बिहार सरकार के इशारे पर यू-ट्यूबर मनीष कश्यप को तमिलनाडु सरकार ने राजद्रोह की धारा लगाकर जेल में बंद कर दिया है. सूचना के अधिकार से जुड़े एक दर्जन लोगों की हत्या की जा चुकी है. देश में इमरजेंसी थोपने वाली कांग्रेस और उसका साथ देने वाले लालू-नीतीश को कभी बिहार की जनता माफ नहीं करेगी.