पटनाः Teachers day 2022: Speech Ideas: हर वर्ष 5 सितंबर के दिन शिक्षक दिवस मनाया जाता है. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के अवसर पर टीचर्स डे मनाया जाता है. हर मनुष्य की जिंदगी में एक शिक्षक ही है जो उसे सफलता की बुलंदियों तक पहुंचाता है. जीवन में सही और गलत को परखने का तरीका समझाता है. कहा जाता है कि एक बच्चे के जीवन में उसकी सबसे पहली गुरु मां होती है, जो हमें इस संसार से अवगत कराती हैं और दूसरे स्थान पर शिक्षक आते है जो हमे सही गलत परखने का तरीका बताते है. 


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बता दें कि डॉक्टर राधाकृष्णन चाहते थे कि, उनका जन्मदिन देशभर के शिक्षकों को याद करने के लिए मनाया जाए. ताकि शिक्षकों को उनके योगदान का अच्छा सम्मान मिल सके. इसी कारण के वजह से 1962 से हर साल हम सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं. शिक्षक दिवस के दिन स्कूल और कॉलेजों में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. जिसमें स्टूडेंट्स टीचर्स पर स्पीच देते हैं. अपने पसंदीदा टीचर के साथ का बेहतरीन किस्सा सुनाते है. यह दिन शिक्षकों के प्रति प्यार और सम्मान जाहिर करने का दिन होता है. इस टीचर्स डे पर अगर आप भाषण देने वाले हैं तो आप इस तरह का भाषण दे सकते हैं- 


आप अपनी स्पीच की शुरुआत इस दोहे से करें. 


गुरु गोविन्द दोऊ खड़े , काके लागू पाय
बलिहारी गुरु आपने, गोविन्द दियो बताय.


यह दोहा कबीर दास जी का है. वो कहते है कि जीवन में कभी भी ऐसी परिस्थिति आ जाये की जब गुरु और गोविन्द (ईश्वर) एक साथ खड़े मिलें, तब आपको पहले किन्हें प्रणाम करना चाहिए. गुरु ने ही गोविन्द से हमारा परिचय कराया है इसलिए गुरु का स्थान गोविन्द से भी ऊंचा होता है. 


इस दोहे से स्पीच की शुरुआत करके इसका अर्थ बता कर आप सभी को आदरणीय शिक्षकों और मेरे सभी साथियों को सुप्रभात और प्रेम भरा वंदन दें.


उसके बाद बोले- आज हम सब शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में यहां एक साथ इकट्ठा हुए हैं. सबसे पहले यहां मौजूद सभी शिक्षकों और शिक्षकों को मेरी तरफ से शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं. इस अवसर पर मैं आप सबका/सबकी आभारी हूं जो आपने मुझे मेरे विचार आप लोगों के सामने रखने का अवसर प्रदान किया है. यह दिन शिक्षकों के साथ-साथ छात्रों के लिए भी काफी महत्वपूर्ण दिन होता है. इस दिन हम अपने शिक्षकों को हमें ज्ञान देने के लिए उनका आभार व्यक्त करते हैं. शिक्षक जो हमें सही गलत को परखने की शिक्षा देते है.  


इसके बाद आप अपने पसंदीदा टीचर के साथ हुए मजेदार किस्से को सुना दें. जिसे सुन कर आपकी टीचर भी खुश हो जाए और सुनने वाले आपके दोस्तों को भी उस किस्से को सुनकर मजा आ जाए.   


अपने भाषण के अंत में एक बार फिर सभी गुरुओं को नमन करता/करती हूं और उनके लिए कुछ लाइनें कहना चाहता /चाहती हूं.
मेहनत की राह पर चलना सिखाते है, जुनून की आग में जलना सिखाते है. जिनको कितना सताया कभी नहीं रूठते, वो ही हम बच्चों को सफल इंसान बनाते हैं.
धन्यवाद


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